विश्व प्रसिद्ध यमुनोत्री धाम के लिए जल्द ही रोपवे शुरू होने जा रहा है. इसके लिए आज सरकार ने पीपीपी मोड पर प्राइवेट कंपनी के साथ अनुबंध कर लिया है. पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने बताया कि रोपवे का पीपीपी मोड पर अनुबंध हो गया है और जल्द ही इसका कार्य शुरू हो जाएगा.
रोपवे बनने से साढ़े 5 किलोमीटर का सफर 15 मिनट में पूरा हो जाएगा. यमुनोत्री धाम के लिए खरसाली से छह किलोमीटर की पैदल यात्रा करनी पड़ती है. इस दूरी को तय करने में श्रद्धालुओं को तीन से साढ़े तीन घंटे का समय लगता है.
एक बार में 500 लोग पहुंचेंगे
रोपवे के निर्माण से श्रद्धालुओं को धाम तक पहुंचने में सुविधा तो मिलेगी ही, समय की भी बचत होगी. यह रोपवे खरसाली से यमुनोत्री धाम तक बनाया जाना है. इसकी लंबाई 1.5 किलोमीटर होगी. इस रोपवे में एक बार में 500 लोग यमुनोत्री धाम पहुंच जाया करेंगे, जो कि यात्रा के लिए बहुत अच्छा है.
167 करोड़ रुपये आएगा खर्च
इसकी प्रोजेक्ट की लागत 167 करोड़ रुपए है. इससे श्रद्धालुओं के लिए यात्रा करना बेहद आसान हो जाएगा. दरअसल, खरसाली से यमुनोत्री धाम रोपवे से जोड़ने की कवायद वर्ष 2010 में शुरू की गई थी. इसके लिए वर्ष 2014 में पर्यावरण मंत्रालय ने एनओसी भी जारी कर दी थी. उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद ने इसके लिए निर्माण एजेंसी का चयन भी कर लिया.
वर्ष 2015 में से कार्य शुरू किया जाना था और निर्माण पूरा करने का लक्ष्य वर्ष 2017 रखा गया. बावजूद इसके काम शुरू नहीं हो पाया. अब इस रोपवे परियोजना का कार्य के लिए आज अनुबंध हो जाने से जल्द ही काम शुरू होने की संभावना है.