उत्तराखंड के उत्तरकाशी में आज पुरानी पेंशन बहाली की मांग को लेकर विभिन्न संगठनों के कर्मचारियों ने विशाल धरना प्रदर्शन किया. जनपद मुख्यालय के ऐतिहासिक रामलीला मैदान में पेंशन बहाली की मांग को लेकर बड़ी संख्या में कर्मचारी एकत्रित हुए. वहीं इस विशाल धरना प्रदर्शन में केंद्रीय और प्रांतीय कार्यकारिणी के पदाधिकारी भी मौजूद रहे.
NMOPS पुरानी पेंशन बहाली संगठन के पदाधिकारियों का कहना है कि 2023 और 2024 वर्ष हमारे लिए काफी महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह वर्ष चुनावी वर्ष है. जिस प्रकार से देश की पांच राज्यों में पुरानी पेंशन बहाल हो चुकी है. पेंशन बहाली की मांग को लेकर हम उत्तराखंड में भी विशाल धरना प्रदर्शन और रैली कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि 26 फरवरी को हल्द्वानी में पुरानी पेंशन बहाली की मांग को लेकर विशाल धरना प्रदर्शन और रैली होगी. हमें विश्वास है कि सरकार उत्तराखंड में भी पुरानी पेंशन को बहाल करेगी.
हरियाणा में भी उठी मांग
उधर, हरियाणा में चुनावों का मौसम आते ही कर्मचारी राजनीति गरमाने लगी है. राज्य के कर्मचारियों ने पुरानी पेंशन योजना (OPS) की बहाली को लेकर सरकार पर दबाव बनाना शुरू कर दिया है. रविवार को हजारों कर्मचारियों ने ओपीएस की बहाली को लेकर पंचकूला में जोरदार प्रदर्शन किया और चेतावनी दी कि अगर ओपीएस को बहाल नहीं किया गया तो सरकार बदल दी जाएगी.
कर्मचारी नेताओं का मानना है कि देश के अर्थशास्त्री और राजनेता पुरानी पेंशन योजना को लेकर जो बयान दे रहे हैं, वह तर्कसंगत नहीं है क्योंकि राज्य के विधायक और सांसद खुद कई –कई पेंशन ले रहे हैं. हरियाणा के कर्मचारी इसलिए भी पुरानी पेंशन योजना को बहाल करने की मांग कर रहे हैं, क्योंकि कांग्रेस शासित राज्यों छत्तीसगढ़ ,राजस्थान और हिमाचल प्रदेश में इस योजना को बहाल करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है.
हरियाणा के कर्मचारियों ने सरकार के खिलाफ संघर्ष का बिगुल फूंक दिया है. कर्मचारी नेता विजेंद्र धारीवाल ने सभी आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा है कि कर्मचारी चुनाव को लेकर नहीं बल्कि 2018 से पुरानी पेंशन की बहाली की मांग कर रहे हैं. उनका आरोप है कि सरकार ने उनकी मांग को लेकर कोई कदम नहीं उठाया और उनको दबाने की कोशिश की.