उत्तराखंड में भ्रष्टाचार को लेकर बीजेपी और कांग्रेस आमने-सामने आ गए हैं. पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी नेता तीरथ सिंह रावत ने अफसरशाही पर निशाना साधते हुए कहा कि राज्य बनने के बावजूद भ्रष्टाचार उसी रफ्तार से जारी है. वहीं कांग्रेस नेता सूर्यकांत धस्माना ने पलटवार करते हुए कहा कि बीजेपी नेताओं के ऐसे बयान उनकी ही सरकार की पोल खोलते हैं.
तीरथ सिंह रावत ने कहा, 'उत्तराखंड बनने के बावजूद भ्रष्टाचार उसी रफ्तार से जारी है. फर्क बस इतना है कि पहले ट्रक भरकर बाहर ले जाया जाता था और अब ड्राइवर से लेकर यात्री तक सब यहीं के लोग हैं. जब उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश का हिस्सा था तो अफसर यहां से ट्रक भरकर ले जाते थे लेकिन अब हालात यह हैं कि भ्रष्टाचार का पूरा तंत्र यहीं तैयार हो चुका है.'
'नेताओं की तरह अधिकारी भी दो तरह के होते हैं'
तीरथ सिंह रावत ने आंदोलन काल को याद करते हुए कहा कि जब राज्य की मांग उठी थी तब लोग कहते थे 'कोदा-झंगोरा खाएंगे, उत्तराखंड बनाएंगे', लेकिन आज उन आदर्शों पर कोई चर्चा नहीं होती. जिन सपनों और उम्मीदों के साथ यह राज्य बना था, वह आज भी पूरे नहीं हो पाए हैं. जैसे कुछ नेता अच्छे और कुछ बुरे होते हैं, वैसे ही अधिकारी भी दो तरह के होते हैं कुछ ईमानदार सेवा करने वाले और कुछ भ्रष्ट. जब तक सरकार योजनाबद्ध तरीके से काम नहीं करेगी, तब तक जनता का भला संभव नहीं है.
'भाजपा ने उत्तराखंड को भ्रष्टाचार का गढ़ बना दिया'
इस पर कांग्रेस नेता सूर्यकांत धस्माना ने कहा, 'भ्रष्टाचार को लेकर भाजपा के नेताओं के बयान उनकी ही सरकार की पोल खोल रहे हैं. जब सत्ता में रहने के दौरान तीरथ सिंह रावत भ्रष्टाचार पर लगाम नहीं लगा पाए तो अब विपक्षी अंदाज में बयानबाजी कर रहे हैं. भाजपा की सरकारों ने उत्तराखंड को भ्रष्टाचार का गढ़ बना दिया है.'