उत्तराखंड सरकार ने उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UKSSSC) के ग्रेजुएट लेवल परीक्षा के पेपर लीक मामले की जांच के लिए उत्तराखंड हाईकोर्ट के पूर्व जज जस्टिस यूसी ध्यानी को विशेष जांच दल (SIT) का पर्यवेक्षक नियुक्त किया है. इससे पहले सरकार ने जस्टिस बीएस वर्मा को ये जिम्मेदारी दी थी, लेकिन उन्होंने निजी कारणों से खुद को जांच से अलग कर लिया था.
गौरतलब है कि बेरोजगार संघ ने भी एसआईटी के पर्यवेक्षक को लेकर सवाल उठाए थे. यूसी ध्यानी उत्तराखंड उच्च न्यायालय से 2018 में सेवानिवृत्त हुए थे. इसके बाद वह कई अहम पदों की जिम्मेदारी निभा चुके हैं, जिसमें उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग, रियल एस्टेट अपीलेट अथॉरिटी शामिल है.
उत्तराखंड सरकार द्वारा जारी एक आधिकारिक ज्ञापन के अनुसार, न्यायमूर्ति ध्यानी विशेष जांच दल (एसआईटी) द्वारा की जा रही जांच की बारीकी से निगरानी करेंगे और ये सुनिश्चित करेंगे कि पूरी प्रक्रिया निष्पक्ष, पारदर्शी और तथ्य-आधारित रहे. उन्हें राज्य के विभिन्न जिलों का दौरा करने, शिकायतों और प्राप्त सूचनाओं की समीक्षा करने और एसआईटी को आवश्यक मार्गदर्शन प्रदान करने का भी अधिकार होगा.
वहीं, 24 सितंबर को सरकार ने पांच सदस्यीय विशेष जांच दल (SIT) के गठन का आदेश जारी किया. जिसमें बताया गया कि इस SIT का नेतृत्व देहरादून ग्रामीण की पुलिस अधीक्षक जया बलूनी करेंगी. इस दल को उत्तराखंड भर में दर्ज कदाचार के मामलों की स्वतंत्र जांच करने और ज़िम्मेदार लोगों की पहचान करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है.
आपको बता दें कि ये पूरा मामला 21 सितंबर 2025 को आयोजित यूकेएसएसएससी की ग्रेजुएट लेवल परीक्षा में पेपर लीक से जुड़ा है, जहां परीक्षा के दौरान एक अभ्यर्थी ने कथित तौर पर प्रश्न पत्र की तीन पेजों की फोटो खींची और उन्हें अपनी बहन को भेज दिया. इस मामले में हरिद्वार पुलिस ने 23 सितंबर को मुख्य आरोपी खालिद मलिक को गिरफ्तार किया, जबकि सबिया पहले ही हिरासत में थी. पुलिस अन्य परिवार सदस्यों और अधिकारियों की भी जांच कर रही है.