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सीएम धामी ने UKSSSC पेपर लीक केस में की CBI जांच की सिफारिश, बोले- युवाओं के लिए​ सिर भी कटा सकता हूं

उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की हालिया परीक्षा में पेपर लीक की शिकायतों को लेकर देहरादून में धरना प्रदर्शन कर रहे छात्रों की एक बड़ी मांग राज्य सरकार ने मान ली है. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पेपर लीक प्रकरण की सीबीआई से जांच कराने की सिफारिश को मंजूरी दे दी है.

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उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने यूकेएसएसएससी पेपर लीक प्रकरण की सीबीआई जांच की सिफारिश को मंजूरी दी. (File Photo: PTI)
उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने यूकेएसएसएससी पेपर लीक प्रकरण की सीबीआई जांच की सिफारिश को मंजूरी दी. (File Photo: PTI)

उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UKSSSC) की हालिया परीक्षा में पेपर लीक की शिकायतों को लेकर देहरादून में धरना प्रदर्शन कर रहे छात्रों की बड़ी मांग राज्य सरकार ने स्वीकार कर ली है. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को इस पेपर लीक प्रकरण की जांच सीबीआई से कराने की सिफारिश को मंजूरी दे दी. सरकार ने यह भी आश्वासन दिया कि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए वह कड़े कदम उठाएगी.

मुख्यमंत्री कार्यालय ने बुधवार को इस बारे में जानकारी देते हुए कहा कि यह कदम परीक्षा प्रक्रिया में पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है. यूकेएसएसएससी द्वारा आयोजित यह परीक्षा राज्य सरकार के विभिन्न विभागों में अधीनस्थ सेवाओं के लिए भर्ती के लिए थी. हाल के महीनों में, परीक्षा के दौरान नकल और पेपर लीक की शिकायतें सामने आई थीं, जिससे अभ्यर्थियों में आक्रोश फैल गया.

यह भी पढ़ें: सेक्टर मजिस्ट्रेट को किया निलंबित, जांच कमेटी का गठन...UKSSSC पेपर लीक आंदोलन के बीच पहली कार्रवाई

इन शिकायतों ने चयन प्रक्रिया की विश्वसनीयता पर सवाल उठाए. देहरादून समेत राज्य के कई शहरों में छात्र परीक्षा रद्द करने और पेपर लीक प्रकरण की सीबीआई जांच कराने की मांग को लेकर सड़कों पर उतरे. देहरादून में बड़ी संख्या में छात्र अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन पर बैठै हैं. इसके चलते सरकार पर त्वरित कार्रवाई का दबाव बढ़ गया था. मुख्यमंत्री धामी ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए सीबीआई जांच का रास्ता साफ कर दिया.

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इस बीच देहरादून में एक कार्यक्रम में शिरकत करने के बाद पत्रकारों से बातचीत में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि युवाओं के लिए झुकना तो क्या, अगर जरूरत पड़ी तो वह अपना सिर भी कटा सकते हैं. उन्होंने कहा, 'प्रदेश के युवा गर्मी और धूप में बैठकर अपनी मांगें रख रहे हैं. निश्चित रूप से कुछ लोगों को लगता होगा कि मैं वहां (देहरादून में धरना प्रदर्शन पर बैठै छात्रों के बीच) क्यों गया और उनकी मांगों के आगे क्यों झुक गया. मैं कहता हूं कि झुकना तो क्या, यदि युवाओं के लिए सिर कटाना पड़े तो वह भी मंजूर है. क्योंकि वे हमारा भविष्य हैं. उन्हें किसी भी प्रकार की परेशानी नहीं होनी चाहिए.'

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