हरिद्वार के लक्सर इलाके में 24 दिसंबर को कोर्ट में पेशी के दौरान ले जाते समय पुलिस कस्टडी में हुए हमले में गंभीर रूप से घायल मेरठ के हिस्ट्रीशीटर विनय त्यागी की एम्स ऋषिकेश में इलाज के दौरान शनिवार सुबह मौत हो गई. ट्रॉमा सेंटर के डाक्टरों ने उसे सुबह 7 बजे मृत घोषित कर दिया. वह हमले में घायल होने के बाद से ही वेंटिलेटर पर था. लक्सर कोर्ट में पेशी के लिए ले जाते समय रास्ते में पहले से घात लगाए बैठे हमलावरों ने पुलिस काफिले पर अचानक गोलीबारी शुरू कर दी. इस हमले में विनय त्यागी के साथ-साथ दो पुलिस कांस्टेबल भी गोली लगने से घायल हो गए थे.
गंभीर हालत में सभी को एम्स ऋषिकेश के ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराया गया था. बाइक सवार दो बदमाशों ने पुलिस की गाड़ी का पीछा किया और लक्सर फ्लाईओवर के पास जाम के दौरान अचानक गोलियां चला दी थीं. इस मामले में पुलिस ने खानपुर थाना क्षेत्र के गांव सिकंदरपुर के जंगल और बिजनौर हाईवे से विनय त्यागी की हत्या करने वाले दोनों बदमाशों को 2 दिसंबर को गिरफ्तार कर लिया. उनकी पहचान 28 वर्षीय सन्नी यादव उर्फ शेरा और 24 वर्षीय अजय सैन के रूप में हुई है. दोनों ऊधम सिंह नगर जिले के काशीपुर, के रहने वाले हैं. पुलिस के मुताबिक दोनों हार्डकोर क्रिमिनल हैं, जिन पर कई आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं.
विनय के परिजनों का पुलिस पर गंभीर आरोप
विनय त्यागी की मौत के बाद उसके परिजनों ने उत्तराखंड पुलिस पर बेहद गंभीर आरोप लगाए हैं. विनय की बेटी तन्वी त्यागी और बहन सीमा त्यागी का आरोप है कि यह हमला उत्तराखंड पुलिस की मिलीभगत से किया गया. उन्होंने दावा किया कि इस पूरे मामले में गाजियाबाद का एक ठेकेदार भी शामिल है. विनय त्यागी की बहन सीमा त्यागी ने कहा कि यह मामला करीब 750 करोड़ रुपये की चोरी से जुड़ा हुआ है और पूरी साजिश ठेकेदार सुभाष त्यागी ने रची है. सीमा त्यागी ने बताया कि देहरादून से कुल 750 करोड़ की चोरी हुई, जिसमें नकदी, आभूषण और बेनामी प्रॉपर्टी के कागजात शामिल थे.
ये पूरा माल ठेकेदार सुभाष त्यागी का था. उसने ईडी की कार्रवाई से बचने के लिए देहरादून के एक डॉक्टर के यहां ये पूरा माल छिपाया था. विनय त्यागी को इस बात की जानकारी हुई. विनय और ठेकेदार की पुरानी रंजिश थी. इसलिए विनय ने पूरा माल चुराया और ईडी को सौंपने जा रहा था. सीमा के मुताबिक देहरादून पुलिस ने रास्ते में ही विनय को पत्नी सहित पकड़ लिया और सारा माल बरामद किया. उन्होंने आरोप लगाया कि उत्तराखंड पुलिस ने ठेकेदार सुभाष त्यागी के साथ मिलीभगत करके विनय को कोर्ट में पेशी पर ले जाते वक्त जान से मारने की साजिश रची, ताकि वह ED या किसी और एजेंसी के सामने मुंह न खोल पाए.
विनय त्यागी पर दर्ज थे 58 से अधिक मुकदमे
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि उनके पूरे परिवार को लगातार प्रताड़ित किया जा रहा है और उन्हें जान का खतरा बना हुआ है. विनय त्यागी का संबंध गैंगस्टर बदन सिंह बददो, भूपेंद्र बाफर, नीरज भाटी से रहा है. साल 2015 में मेरठ के दो युवकों का अपहरण करके उनकी हत्या कर दी गई थी. इस मामले में पहली बार विनय त्यागी का नाम सामने आया और उसके खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया. उसके खिलाफ मर्डर, डकैती, अपहरण जैसे संगीन अपराधों के लिए उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में 58 से अधिक मामले दर्ज थे. मेरठ के ब्रह्मपुरी थाने में दर्ज एक मुकदमे में वह लंबे समय से वांछित चल रहा था.
उसने लंबे समय तक फरारी काटी और दुबई में रहा. फिर चोरी छिपे भारत पहुंचा और दिल्ली में एक किराये के फ्लैट में रहने लगा. मेरठ पुलिस को इसकी भनक लगी और जून-2024 में उसे स्पेशल ऑपरेशन ग्रुपकी टीम ने गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे भेज दिया. उसकी पत्नी मुजफ्फरनगर से जिला पंचायत सदस्य भी रह चुकी है. विनय त्यागी की मौत के बाद उसके परिवार ने उत्तराखंड सरकार से मामले में निष्पक्ष जांच की मांग की है.