श्री कृष्ण जन्म भूमि पर विवाद की शुरुवात तो 1670 से ही हो गई थी, जब औरंगजेब ने अपने सिपे सालारोह को मथुरा में श्री कृष्ण जन्म भूमि के स्थान को ध्वस्त करने को कहा था. जिस मंदिर को ध्वस्त करने का फरमान जारी किया वो 1618 में ओरछा के राजा वीर सिंह बुंदेला ने 33 लाख मुद्राओं में बनवाया था. मुगल दरबार में एक इटालियन यात्री था निकोलस मनुची जिसने अपनी किताब में उसका जिक्र भी किया है और उन्होंने बताया कि कैसे रमजान के महीने में श्री कृष्ण के जन्म स्थान को ध्वस्त किया गया और उसकी जगह एक ईदगाह मस्जिद बनाने का फरमान जारी कर उसकी तामील की गई. जानें क्या था पूरा मामला.