
काशी नगरी की काया पलट करने में जुटी योगी सरकार की लिस्ट में, अभी कई परियोजनाओं पर काम होना बाकी है. उसमें से खास है 'बनास डेयरी संकुल' जिसका शिलान्यास प्रधानमंत्री मोदी गुरुवार को करेंगे. साथ ही वाराणसी में कई विकास परियोजनाओं की शुरुआत भी होने वाली है.
ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने और क्षेत्र के किसानों की मदद करने के लिए प्रधानमंत्री मोदी 'बनास डेयरी संकुल' की आधारशिला रखेंगे. उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण फूड पार्क, कारखियां, वाराणसी में बनास डेयरी संकुल की आधारशिला रखी जाएगी.
डेयरी निर्माण में आएगी 475 करोड़ रुपये की लागत
30 एकड़ भूमि में फैले इस डेयरी का निर्माण लगभग 475 करोड़ रुपये की लागत से किया जाएगा. इसमें रोज़ाना 5 लाख लीटर दूध के प्रसंस्करण की सुविधा होगी. इससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था मजबूत होगी और क्षेत्र के किसानों को प्रगति के नए अवसर मिलेंगे. प्रधानमंत्री बनास डेयरी से जुड़े 1.7 लाख से अधिक दूध उत्पादकों के बैंक खातों में लगभग 35 करोड़ रुपये का बोनस डिजिटल रूप से स्थानांतरित करेंगे.

इस प्रोजेक्ट में 750 लोगों को मिलेगा रोजगार
बनास डेयरी के चेयरमैन शंकर भाई चौधरी का कहना है कि डेयरी से वाराणसी, जौनपुर, चंदौली, भदोही, गाजीपुर, मिर्जापुर और आजमगढ़ जिले के 1000 गांवों के किसानों को फायदा होगा. इन किसानों को दूध के बदले, हर महीने दस हजार तक का मूल्य मिलेगा. इस प्रोजेक्ट में 750 लोगों को रोजगार मिलेगा. उन्होंने यह भी कहा कि पूर्वांचल के सात जिलों के 10 हजार लोगों को गांवों में ही रोजगार उपलब्ध कराया जाएगा.
5 लाख लीटर दुग्ध उत्पाद की क्षमता
प्लांट में रोजाना 50 हजार लीटर आइसक्रीम, 20 टन पनीर, 75 हजार लीटर बटर मिल्क, 50 टन दही, 15 हजार लीटर लस्सी और 10 हजार किलोग्राम अमूल मिठाई का उत्पादन होगा. इसके साथ ही, प्लांट में एक बेकरी यूनिट भी होगी. प्लांट का लक्ष्य 5 लाख लीटर दुग्ध उत्पाद की क्षमता को 10 लाख लीटर तक ले जाना है.
पहले से ही किसानों को गोपालन का मिला प्रशिक्षण
जुलाई में डेयरी फार्मिंग के लिए वाराणसी के किसान परिवारों को सबसे अच्छी ब्रीड की 100 देसी गायें दी गई थीं. इन किसानों को गोपालन और डेयरी फार्म प्रबंधन प्रशिक्षण भी दिया गया था. फिलहाल वाराणसी की 111 जगहों से रोजाना 25 हजार लीटर से ज़्यादा दूध इकट्ठा किया जा रहा है. बनास डेयरी रोजाना 68 लाख लीटर दूध एकत्रित करती है जो एशिया के देशों में सर्वाधिक है.
यहां समितियों के जरिए किसानों से दूध खरीदा जाएगा. साथ ही पूरे इलाके में दूध का उत्पादन बढ़ाने के लिए किसानों को इसकी जानकारी और किसान किस तरह से अपने जानवरों को पौष्टिक तत्व के साथ अच्छे से रख सकें इस बारे में जानकारी भी दी जाएगी.
प्लांट में होगा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल
चेयरमैन का यह भी कहना है कि इस प्लांट में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का प्रयोग किया जाएगा. जैसे ही किसान अपने गांव में मंडली का दूध देगा, उसके मोबाइल पर यह सूचना मिल जाएगी कि दूध कितना है, उसमें फैट कितना है आदि. दूध देने के 5 मिनट बाद ही उसके बैंक अकाउंट में पैसा चला जाएगा.