कांग्रेस के 88 वर्षीय वरिष्ठ नेता नारायण दत्त तिवारी की शादी लंबे इंतजार के बाद भले ही उज्ज्वला शर्मा की जिंदगी में खुशियां लाई हो और स्वयं तिवारी भी बेहद खुश हों, लेकिन सियासी महासमर में दो बुजुर्गो का अचानक इस तरह शादी के बंधन में बंधना सियासतदानों को रास नहीं आ रहा है.
कांग्रेस नेता ही इस पर टिप्पणी करने से बच रहे हैं. तिवारी ने उज्ज्वला शर्मा से बुधवार की रात अचानक शादी कर ली. तिवारी की पहली पत्नी सुशीला तिवारी का निधन कई वर्ष पहले हो चुका है. 65 वर्षीया उज्ज्वला ने गुरुवार को तिवारी के आवास पर मीडिया को बुलाकर शादी की जानकारी दी.
शादी की खबर से तिवारी के साथ काम कर चुके सूबे के तमाम बड़े नेता झटका खा गए. कल्याण सिंह हों या मुलायम सिंह यादव या फिर प्रमोद तिवारी, इन सबको पूजा-पाठ में लगे रहने की उम्र में तिवारी का शादी करना रास नहीं आया. यही वजह है कि मुलायम से लेकर मुख्यमंत्री अखिलेश यादव तक ने उन्हें शादी की बधाई नहीं दी. जबकि मुलायम तिवारी को अपने परिवार का सदस्य बताते रहे हैं.
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष निर्मल खत्री ने भी तिवारी जी के शादी करने को लेकर कुछ भी बोलने से मना कर दिया. चुनाव प्रचार के दौरान तिवारी से आशीर्वाद लेने उनके पास पहुंचने वाली पूर्व कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष रीता बहुगुणा ने भी इस शादी पर आश्चर्य जताया. विभिन्न राजनीतिक दलों के तमाम अन्य नेता भी इस मामले से दूर रहते दिखे.
हैरानी वाली बात यह रही कि खुद को तिवारी का बेटा साबित करने के लिए लंबी कानूनी लड़ाई लड़ने वाले रोहित शेखर भी अपने जैविक पिता और मां उज्ज्वला की शादी में शामिल नहीं हुए. संतानविहीन तिवारी ने हाल ही में उन्हें अपना पुत्र माना है.
शादी में रोहित के मौजूद न रहने को लेकर उज्ज्वला का कहना था कि सब कुछ इतनी जल्दी में हुआ कि रोहित शादी में नहीं आ पाया. उन्होंने बताया कि जल्दी ही एक बड़ी पार्टी लखनऊ में दी जाएगी और अदालत में शादी को रजिस्टर कराया जाएगा. शादी की पार्टी में किस-किस को बुलाया जाएगा? इस सवाल पर उज्ज्वला ने कहा, 'तिवारीजी के सभी राजनीतिक मित्रों को भी न्योता भेजा जाएगा.'