भारत-नेपाल की सोनौली सीमा से सटे नो मेंस लैंड पर सोमवार की देर रात जमकर हंगामा हो गया. दिल्ली से बस से सोनौली आए 370 नेपाली नागरिकों को उनके अपने ही देश में प्रवेश नहीं मिलने से उनके सब्र का बांध जब टूट गया. इन नेपाली नागरिकों ने देर रात खाना खाने के बाद संगठित होकर एक साथ नेपाल में घुसने की कोशिश की. नेपाली सशस्त्र बल के जवानों ने पहले उन्हें रोका. इसके बाद भी जब नेपाली नागरिक नहीं रुके तो नेपाली प्रशासन ने उन पर लाठीचार्ज कर दिया. भारत में लॉकडाउन होने से ये लोग न इधर के रहे और न उधर के क्योंकि नेपाली पुलिस कोरोना वायरस के चलते उन्हें प्रवेश नहीं दे रही. इससे नाराज नेपाली नागरिकों ने नो मेंस लैंड पर ही धरना देना शुरू कर दिया.
कोरोना वायरस को लेकर हुए लॉकडाउन के बाद दिल्ली से रोडवेज की बसों से 370 नेपाली नागरिक नेपाल जाने के लिए भारत-नेपाल सीमा के सोनौली बॉर्डर आए थे. सोमवार को सभी नेपाली नागरिक भारत-नेपाल सीमा के सोनौली रोडवेज परिसर में ही रुके थे. प्रशासनिक टीम इनकी निगरानी कर रही थी. शाम को उन्हें भोजन भी कराया गया. रात साढ़े नौ बजे के बाद अचानक सभी नेपाली नागरिक एकजुट होकर नेपाल की ओर बढ़ने लगे. ये लोग सोनौली स्थित इंडिया गेट को पार कर नो मेंस लैंड से नेपाल सीमा में बढ़े तो नेपाली सशस्त्र बल के जवानों ने उन्हें रोका. उनसे कहा गया कि अफसर आगे बात कर रहे हैं. अनुमति मिलने के बाद उन्हें एंट्री मिल पाएगी.
ये भी पढ़ें: लॉकडाउन: नीतीश कुमार का ऐलान- बाहर से आने वालों के लिए सीमावर्ती जिलों में बनेंगे कैंप
इसके विरोध में नेपाली नागरिक धरने पर बैठ गए. धरने पर बैठे नेपाली नागरिक नेपाल प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करने लगे. उनका आरोप है कि जब हम नेपाली नागरिक हैं तो नेपाल हमें अपने देश जाने क्यों नहीं दे रहा है. उन्होंने आरोप लगाया कि नेपाल सशस्त्र बल के जवानों ने उन पर लाठियां बरसाईं. इससे नाराज नेपाली नागरिक नेपाल प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करते हुए नो मेंस लैंड पर धरने पर बैठ गए. उनका कहना रहा कि अब वे भारत में नहीं लौटेंगे.
ये भी पढ़ें: लॉकडाउन: गैस टैंकर ले जाने वाले ट्रक ड्राइवरों पर आफत, रह रहे भूखे पेट
इस बारे में महराजगंज पुलिस ने कहा कि जो लोग सोनौली पहुंचे थे उनसे नेपाली प्रशासन ने संपर्क किया था. उनके रहने-खाने का इंतजाम भी कराया गया लेकिन सोमवार की रात खाना खाने के बाद वे सभी एकत्रित होकर नेपाल जाने की कोशिश करने लगे. इस समय वे नो मेंस लैंड पर बैठे हैं.