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लखनऊ कोर्ट ने पत्रकार प्रशांत को रिहा करने का दिया आदेश, रखीं तीन शर्तें

कोर्ट ने प्रशांत के सामने जो शर्तें रखी हैं, इसमें कोर्ट के आदेश पर बुलाने पर हाजिर होने, सबूतों के साथ छेड़छाड़ न करने और आगे से दोबारा ऐसा न करने की शर्त शामिल है.

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पत्रकार प्रशांत कनौजिया (फोटो-सोशल मीडिया)
पत्रकार प्रशांत कनौजिया (फोटो-सोशल मीडिया)

लखनऊ के एसीजेएम कोर्ट ने बुधवार को पत्रकार प्रशांत कनौजिया को रिहा करने का आदेश दिया है. मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने प्रशांत की पत्नी की याचिका पर फैसला सुनाते हुए उन्हें (प्रशांत) तत्काल रिहा करने का आदेश दिया था.

इस आदेश के क्रम में एसीजेएम ने तीन शर्तों पर रिहाई का आदेश दिया है. कोर्ट ने प्रशांत के सामने जो शर्तें रखी हैं, इसमें कोर्ट के आदेश पर बुलाने पर हाजिर होने, सबूतों के साथ छेड़छाड़ न करने और आगे से दोबारा ऐसा न करने की शर्त शामिल है. जज ने रिहाई आदेश पर सिग्नेचर कर दिया है. शाम पांच बजे तक प्रशांत को रिहा हो सकते हैं.

फ्रीलांस पत्रकार प्रशांत कनौजिया को उत्तर प्रदेश की पुलिस ने शनिवार को गिरफ्तार किया था. उन पर आरोप है कि उन्होंने ट्विटर पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ आपत्तिजनक पोस्ट किया था.

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मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने गिरफ्तारी पर सख्त टिप्पणी करते हुए कहा था कि आप किसी भी नागरिक के अधिकारों का हनन नहीं कर सकते हैं. नागरिकों के अधिकारों को बचाए रखना जरूरी है. आपत्तिजनक पोस्ट पर विचार अलग-अलग हो सकते हैं लेकिन गिरफ्तारी क्यों?

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