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अफगानिस्तान से भारत आते ही जीत सिंह थापा ने जमीन को चूमा, पीएम मोदी-डोभाल का किया धन्यवाद

अपने वतन वापस लौटे जीत बहादुर थापा ने पीएम मोदी, अजीत डोभाल और एयरफोर्स का शुक्रिया कहा. वहीं परिवार ने भी पीएम मोदी को शुक्रिया बोला.

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जीत सिंह थापा
जीत सिंह थापा
स्टोरी हाइलाइट्स
  • अफगानिस्तान से शाहजहांपुर लौटे जीत सिंह थापा
  • पीएम मोदी-अजीत डोभाल को कहा- शुक्रिया

यूपी के शाहजहांपुर में एक बहन ने रक्षाबंधन का त्योहार दूसरे दिन मनाया क्योंकि उसका भाई अफगानिस्तान में फंसा हुआ था. अफगानिस्तान में दहशत और अराजकता का माहौल है और कई भारतीय वहां फंसे हुए हैं. लेकिन शाहजहांपुर के रहने वाले एक परिवार की दुआ रंग लाई. यह परिवार अपने बेटे की सलामती के लिए दुआएं कर रहा था और बेटे की सकुशल वापसी के लिए परिवार ने मीडिया के माध्यम से पीएम मोदी से गुहार भी लगाई थी. फिलहाल, सोमवार को उसकी वतन वापसी पर पूरा परिवार खुश है. इस दौरान अपने वतन वापस लौटे जीत बहादुर थापा ने पीएम मोदी, अजीत डोभाल और एयरफोर्स का शुक्रिया कहा. वहीं परिवार ने भी पीएम मोदी को शुक्रिया बोला.

फैक्ट्री में सुपरवाइजर थे थापा
घर पहुंचे जीत सिंह थापा का कहना है कि वह काबुल में एक कंसलटेंसी फैक्ट्री में सुपरवाइजर थे. 15 अगस्त के दिन अचानक तालिबानियों ने फैक्टरी पर धावा बोल दिया. सभी कर्मचारियों को फैक्ट्री से बाहर निकाल दिया. थापा का कहना है कि किसी तरह वह 30 किलोमीटर पैदल चलकर एयरपोर्ट पहुंचे. जहां पर बमुश्किल वह आर्मी एयरवेज तक पहुंच पाए जिसके बाद इंडियन एयर फोर्स के ग्लोबमास्टर विमान से पुणे दुशांबे एयरपोर्ट ले जाया गया. 

जीत सिंह थापा ने मनाया रक्षा बंधन
जीत सिंह थापा ने मनाया रक्षा बंधन

भारत आते ही सबसे पहले जमीन को चूमा
उन्होंने आगे कहा कि भारत की सरजमी पर उतरते ही उन्होंने सबसे पहले जमीन को चूमा और सरकार का शुक्रिया कहा. उनकी बहनों ने भी घर पहुंचने पर आज रक्षाबंधन मनाया और अपने भाई की कलाई पर राखी बांधी. मां ने भी अपने बेटे के सिर पर हाथ फेर कर सरकार का शुक्रिया कहा. जीत बहादुर सिंह थापा 2 साल पहले काबुल में नौकरी करने गए थे. अजीत सिंह ने बताया कि अफगानिस्तान में हालात बेहद खराब हैं. 

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काबुल से लौटकर मनाया रक्षाबंधन का त्योहार
काबुल से लौटकर मनाया रक्षाबंधन का त्योहार

जीत बहादुर संग हुई लूटपाट
काबुल के आसपास स्थानीय लोग लूटपाट कर रहे हैं. जीत बहादुर थापा से भी वहां लूटपाट की गई. वहां पर इस मंजर था कि आंखों से देखा न जाये. आज जब अपने वतन और घर आ गया हूं तो खुशी में आंसू निकल रहे हैं. जीत बहादुर थापा और उनके परिवार ने कहा कि केंद्र सरकार की कोशिशों के बाद ही वह सकुशल अपने वतन वापस लौट पाए हैं.

 

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