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यूपी में बीजेपी की जीत यूं ही नहीं है बड़ी, ये हैं सबूत

बीजेपी की यह जीत इसलिये भी खास हो जाती है, क्योंकि उसके कई विधायक काफी बड़े अंतर से जीते हैं. 2012 के चुनावों में जहां सिर्फ 12 सीटों पर बीजेपी के विधायक 20,000 वोटों के अधिक अंतर से जीते थे, लेकिन इस बार यह आंकड़ा 224 विधायकों (बीजेपी गठबंधन) तक जा पहुंचा. जो साफ दर्शाता है कि वाकई बीजेपी की जीत काफी बड़ी और एक तरफा है.

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एक तरफा है बीजेपी की जीत
एक तरफा है बीजेपी की जीत

भारतीय जनता पार्टी के द्वारा दर्ज की गई उत्तर प्रदेश चुनावों में प्रचंड जीत दुनिया भर में चर्चा का विषय बनी हुई है. बीजेपी ने करीब 70 प्रतिशत सीटों पर अपना कब्जा किया है, वह 403 सीटों में से कुल 325 पर काबिज है.

बीजेपी की यह जीत इसलिये भी खास हो जाती है, क्योंकि उसके कई विधायक काफी बड़े अंतर से जीते हैं. 2012 के चुनावों में जहां सिर्फ 12 सीटों पर बीजेपी के विधायक 20,000 वोटों के अधिक अंतर से जीते थे, लेकिन इस बार यह आंकड़ा 224 विधायकों (बीजेपी गठबंधन) तक जा पहुंचा. जो साफ दर्शाता है कि वाकई बीजेपी की जीत काफी बड़ी और एक तरफा है.

216 सिर्फ बीजेपी से
वहीं कुल 403 सीटों पर देखा जाये तो कुल 245 सीटों पर विधायक इतने बड़े अंतर से जीते हैं, 2012 में कुल 111 सीटों पर ऐसी जीत दर्ज की गई थी. बीजेपी ने कुल 384 सीटों पर चुनाव लड़ा और 216 सीटों पर बड़े अंतर से जीत दर्ज की. वहीं अपना दल के 6 और भासपा के दो विधायक बड़े अंतर से जीते हैं.

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1 लाख के अंतर वाले कुल छ
इस बार कुल छ विधायक 1 लाख वोटों के ज्यादा अंतर से जीते हैं, जिनमें 5 बीजेपी के ही हैं. साहिबाबाद के बीजेपी विधायक सुनील कुमार सबसे ज्यादा 1.5 लाख वोटों से जीतने वाले विधायक हैं.

वहीं सपा की ओर से आजम खान और शिवपाल यादव बड़े अंतर से जीतने वाले प्रत्याशी रहे. आजम 53, 000 और शिवपाल 52,000 वोटों के अंतर से जीते. निर्दलीय चुनाव लड़े राजा भैय्या अपनी कुंडा सीट से 1 लाख से ज्यादा वोटों के अंतर से जीते.

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