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फिर सुलगेगा BHU? क्लास में घुसकर छात्रा को थप्पड़ मारा, बाल खींचे

बीएचयू में बृहस्पतिवार को फिर से एक छात्रा के साथ बदसलूकी और मारपीट हुई. यह घटना एमए सोशल वर्क की छात्रा से बीएचयू के कैंपस के भीतर ही हुई. पीड़ित छात्रा के मुताबिक पहले आरोपी लड़के ने मोबाइल छीना फिर उसके बाल खींचे. इस पर लड़की क्लास के भीतर चली गयी. इसके बावजूद भी आरोपी रुका नहीं और क्लास के भीतर जाकर छात्रा को थप्पड़ मारा. आरोपी लड़का भी बीएचयू का ही छात्र है.

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BHU में फिर छात्रा से छेड़छाड़ और मारपीट
BHU में फिर छात्रा से छेड़छाड़ और मारपीट

बीएचयू में बृहस्पतिवार को फिर से एक छात्रा के साथ बदसलूकी और मारपीट हुई. यह घटना एमए सोशल वर्क की छात्रा से बीएचयू के कैंपस के भीतर ही हुई.

पीड़ित छात्रा के मुताबिक पहले आरोपी लड़के ने मोबाइल छीना फिर उसके बाल खींचे. इस पर लड़की क्लास के भीतर चली गयी. इसके बावजूद भी आरोपी रुका नहीं और क्लास के भीतर जाकर छात्रा को थप्पड़ मारा. पीड़ित छात्रा ने मामले की शिकायत प्रॉक्टर से की.

इसके बाद लंका थाने में मारपीत का मुकदमा दर्ज हुआ. हालांकि छेड़छाड़ का मामला दर्ज नहीं किया गया है. आरोपी लड़का भी बीएचयू का ही छात्र है. मामले में शिकायत के बाद पुलिस ने आरोपी छात्र शीतला शरण गौड़ को गिरफ्तार कर लिया है. 

सुरक्षा की मांग कर रही छात्राओं पर पुलिस ने भांजी थी लाठियां

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इससे पहले 21 सितंबर को यूनिवर्सिटी की एक छात्रा ने छेड़छाड़ का आरोप लगाया था, जिसके बाद प्रशासन और छात्र आमने-सामने आ गए थे. बीएचयू कैंपस में छेड़छाड़ की घटना के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रही छात्राओं पर पुलिस ने जमकर लाठियां भांजी थी, जिसकी क्राइम ब्रांच तफ्तीश कर रही है. मामले में क्राइम ब्रांच ने पूर्व प्रॉक्टर प्रो. ओंकारनाथ सिंह समेत 20 लोगों को तलब किया था.

कमिश्नर ने अपनी रिपोर्ट में प्रशासन को ठहराया था जिम्मेदार

इससे पहले मामले की जांच कमिश्नर नितिन रमेश गोकर्ण ने की थी. उन्होंने उत्तर प्रदेश सरकार को सौंपी अपनी रिपोर्ट में बवाल बढ़ने के लिए बीएचयू प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया था. मामले में वाराणसी कमिश्नर की रिपोर्ट के बाद मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने BHU के वीसी को दिल्ली तलब किया था.

वहीं, कैंपस में इस घटना के बाद बीएचयू के कुलपति जीसी त्रिपाठी छुट्टी पर चले गए. उन्होंने इसके लिए निजी कारणों का हवाला दिया, लेकिन कैंपस में हिंसा के पीछे वीसी पर भी सवाल उठ रहे थे. वहीं, हालात बिगड़ने के बाद ओंकारनाथ सिंह ने इस्तीफा दे दिया था.

पुलिस लाठीचार्ज के बाद डॉ. रायना सिंह बनीं महिला चीफ प्रॉक्टर

छात्राओं पर लाठीचार्ज से उपजे विवाद के बाद डॉ. रायना सिंह को यूनिवर्सिटी का चीफ प्रॉक्टर बनाया गया. इस विवाद के कई दिन बाद जब बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी फिर से खुली, तो कैंपस की हर गतिविधियों पर नजर रखने के लिए आनन-फानन में यूनिवर्सिटी के अंदर सीसीटीवी कैमरे भी लगाए गए. कैमरों के लिए निर्भया फंड से भी धनराशि ली गई.

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बीएचयू ने की थी 20 महिला सुरक्षाकर्मियों की मांग

छात्राओं पर पुलिस कार्रवाई के बाद बीएचयू ने मेसर्स शिव शक्ति सिक्युरिटी सर्विसेज को पत्र लिखकर तुरंत 20 महिला सुरक्षाकर्मियों की मांग की थी. इसमें कहा गया है कि प्राथमिकता के आधार पर 20 महिला सुरक्षाकर्मियों को मुख्य आरक्षाधिकारी के सामने पेश किया जाए, जिनको विश्वविद्यालय की छात्राओं की सुरक्षा में तैनात किया जा सके. अब इस बवाल के बाद एक बार फिर सुरक्षा पर सवाल उठाना लाजिमी है.

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