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'मंदिर-मस्जिद बनाने से कुछ नहीं होगा योगीजी'... अमन के परिजनों ने खत्म किया अनशन

अमन त्रिपाठी हत्याकांड मामले में अपने बेटे की अस्थियां लेकर अनशन कर रहे माता-पिता ने यूपी सरकार से निराश होकर आखिरकार अनशन समाप्त कर दिया. अनशन खत्म करने के बाद अमन की मां ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से तीखे सवाल किए.

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अनशन पर बैठे अमन त्रिपाठी के परिजन
अनशन पर बैठे अमन त्रिपाठी के परिजन
स्टोरी हाइलाइट्स
  • अमन के मां-पिता ने खत्म किया अनशन
  • परिजन कर रहे हैं CBI जांच की मांग

उत्तर प्रदेश में बांदा के चर्चित अमन त्रिपाठी हत्याकांड मामले में अपने बेटे की अस्थियां लेकर अनशन कर रहे मां-बाप ने अपनी ही सरकार से निराश होकर 13वें दिन अनशन समाप्त कर दिया. अमन के माता-पिता बीजेपी के वर्कर हैं. हालांकि इंसाफ अब तक उन्हें नहीं मिला और वे करीब 2 महीनों से न्याय के लिए अधिकारियों के पास दर-दर भटकते रहे.

मृतक अमन की मां ने रोते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से कई सवाल किए. उन्होंने पूछा कि क्या मुझको भी न्याय मिलेगा योगीजी? नहीं तो मैं यही कहूंगी कि आपके राज में गुंडों को संरक्षण दिया जा रहा है, इसलिए मुझे इंसाफ नहीं मिल रहा है. योगीजी मंदिर-मस्जिद बनाने से कुछ नहीं होगा.

मृतक अमन की मां मधु त्रिपाठी ने कहा कि इस मां के कलेजे से पूछिए उसको अपने बेटे के न्याय के लिए कितना आंसू बहाना पड़ा, फिर भी न्याय नहीं मिला. परिजनों ने बताया कि हम पिछले 20 सालों से बीजेपी के कार्यकर्ता है, हमें अपनी ही सरकार में न्याय नहीं मिला, आज हम निराश होकर अनशन समाप्त कर अस्थियों को विसर्जित कर रहे हैं.

मृतक अमन के पिता संजय त्रिपाठी ने कहा कि आगे लड़ाई लड़ते रहेंगे, पुलिस प्रशासन सब एक हो गए. यदि मुझे सीबीआई जांच नहीं मिली तो मैं कोर्ट के माध्यम से सीबीआई जांच की मांग करके न्याय की लड़ाई लड़ूंगा.

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फिलहाल अभी तक इस मामले में आजतक की खबर के बाद पुलिस ने 8 हत्यारों को अरेस्ट कर लिया है. इन गिरफ्तारी पर परिजनों का आरोप है कि धारा 302 की जगह धारा 304 लगाया है, इस मामले में सीबीआई जांच कराई जाए और पोस्टमॉर्टम करने वाले डॉक्टर के साथ सीओ सिटी राकेश सिंह के साथ दोषी पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की जाए.

फिलहाल अमन के परिजनों की कोई मांग नहीं पूरी हुई है. आईजी से लेकर एसपी, सीओ सभी चुप्पी साधे हैं. परिजनों का कहना है कि राजनीतिक दवाब इतना है कि अधिकारी कोई कदम नहीं उठा रहे हैं. 

(रिपोर्ट- सिद्धार्थ गुप्ता)

 

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