आयुष एडमिशन घोटाले में यूपी एसटीएफ ने कृष्ण सुदामा ग्रुप ऑफ़ इंस्टीट्यूट के मालिक विजय यादव और उसके भाई धर्मेंद्र यादव को गिरफ्तार कर लिया है. यूपी एसटीएफ ने आयुष एडमिशन मामले में गाजीपुर के दोनों भाइयों को गिरफ्तार किया है.
जानकारी के मुताबिक दोनों भाइयों से पूछताछ के बाद पूर्वांचल के कई अन्य कॉलेज के प्रबंधक के भी सुराग मिले हैं.
दरअसल, यह पूरा मामला NEET 2021 की परीक्षा से जुड़ा है, जिसमें बड़े स्तर पर धांधली हुई थी. बड़े पैमाने पर पैसा लेकर अपात्र छात्रों को एडमिशन देने के इस मामले में आयुर्वेद होम्योपैथी और यूनानी निदेशालय के अफसर और कर्मचारी जांच के दायरे में हैं.
इस मामले में डायरेक्टर आयुर्वेद एसएन सिंह ने हजरतगंज कोतवाली में काउंसलिंग कराने वाली नोडल एजेंसी UPTRON पावर्ट्रॉनिक्स पर एफआईआर दर्ज करवाई थी और मामले की जांच एसटीएफ को सौंपी गई थी. आरोप लगा था कि सीटों की बड़े स्तर पर सौदेबाजी हुई, पांच-पांच लाख रुपये में सीटें बेच दी गईं.
इससे पहले यूपी एसटीएफ ने आयुर्वेद कॉलेज के पूर्व डायरेक्टर एसएन सिंह, काउंसलिंग के नोडल ऑफिसर उमाकांत यादव, निजी कंपनी V3 सॉल्युशंस के कुलदीप सिंह समेत कुल 12 लोग गिरफ्तार किए थे. वहीं, V3 के साथ आयुष कॉलेजों के एडमिशन में काम करने वाली दो अन्य एजेंसियों के 5 कर्मी भी अरेस्ट हुए थे. एसटीएफ को शुरुआती जांच में आयुर्वेद निदेशालय से ही गड़बड़ी के सुबूत मिले थे.
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