प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके मंत्रियों ने गुरुवार को पद और गोपनीयता की शपथ ली. इस बार मोदी सरकार में कई नए चेहरों को जगह दी गई है, जिसमें अर्जुन मुंडा का नाम भी शामिल हैं. अर्जुन मुंडा तीन बार झारखंड के मुख्यमंत्री रह चुके हैं. उन्होंने पहली बार 35 वर्ष की आयु में मुख्यमंत्री का पद संभाला था और देश में सबसे कम उम्र में मुख्यमंत्री बनने का रिकॉर्ड बनाया था. वो झारखंड विधानसभा में विपक्ष के नेता भी रह चुके हैं.
झारखंड में अर्जुन मुंडा भारतीय जनता पार्टी का बड़ा चेहरा है. वर्तमान में वो भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव हैं. अर्जुन मुंडा का जन्म झारखंड के जमशेदपुर के घोड़ाबांधा में 3 मई 1968 को गणेश मुंडा और साइरा मुंडा के यहां हुआ था.
उन्होंने जमशेदपुर से हाईस्कूल तक की शिक्षा ग्रहण की. उन्होंने इग्नू से बैचलर प्रिपरेटरी प्रोग्राम में डिप्लोमा हासिल किया. उनके तीन बच्चे हैं. उन्होंने साल 1980 में राजनीति में कदम रखा और आगे बढ़ते रहे. जब वो राजनीति में आए, उस समय अलग झारखंड आंदोलन चल रहा था.
उन्होंने अपनी राजनीतिक पारी की शुरुआत झारखंड मुक्ति मोर्चा से की. वो पहली बार 1995 में खरसावां विधानसभा सीट से चुनाव जीतकर बिहार विधानसभा पहुंचे. इसके बाद वो भारतीय जनता पार्टी से जुड़ गए और साल 2000 और 2005 में खरसावां विधानसभा सीट से चुनाव जीता. साल 2000 में अलग झारखंड राज्य का गठन होने के बाद अर्जुन मुंडा को बाबूलाल मरांडी के कैबिनेट में समाज कल्याण मंत्री बनाया गया.Shri Arjun Munda is administered Oath of Office and Secrecy at Forecourt of Rashtrapati Bhawan #ModiSarkar2 #ModiSwearingIn pic.twitter.com/OOl3s8DFKe
— PIB India (@PIB_India) May 30, 2019
जब विरोध के चलते बाबूलाल मरांडी को अपना पद छोड़ना पड़ा, तब 18 मार्च 2003 को अर्जुन मुंडा पहली बार झारखंड के मुख्यमंत्री चुने गए. इसके बाद वो दो बार और मुख्यमंत्री बने. वो 11 सितम्बर 2010 को तीसरी बार झारखंड के मुख्यमंत्री बने. जहां तक अर्जुन मुंडा की रुचि की बात है, तो राजनीतिक के साथ ही गोल्फ खेलने में भी उनकी काफी रुचि है. उन्होंने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तीरंदाजी को बढ़ावा देने की कोशिश की. वो झारखंड तीरंदाजी संघ के अध्यक्ष भी हैं.
खूंटी लोकसभा से जीता चुनाव
अर्जुन मुंडा ने झारखंड की खूंटी लोकसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी के टिकट से जीत हासिल की है. उन्होंने कड़े मुकाबले में अपने करीबी प्रतिद्वंदी कांग्रेस प्रत्याशी कालीचरण मुंडा को 1445 वोटों से हराया. इस चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के अर्जुन मुंडा को 3 लाख 82 हजार 638 वोट मिले, तो कांग्रेस के कालीचरण मुंडा को 3 लाख 81 हजार 193 वोटों से संतोष करना पड़ा.