पश्चिम बंगाल में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और तृणमूल कांग्रेस (TMC) के बीच सियासी जंग जारी है. इस बीच, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भारतीय जनसंघ के संस्थापक डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की पुण्यतिथि मना रही हैं. टीएमसी ने श्यामा प्रसाद मुखर्जी की पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की है. बंगाल के मंत्री सोवनदेब चटर्जी ने राज्य सरकार की तरफ से कोलकाता के कोकराटाला में मुखर्जी की प्रतिमा पर माल्यापर्ण कर श्रद्धांजलि अर्पित की.
सोवनदेब चटर्जी ने 'आजतक' से बातचीत में कहा कि बीजेपी डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी को एक साम्प्रदायिक नेता के रूप में प्रोजेक्ट कर रही है जैसा कि उसकी विभाजन वाली राजनीति को सूट करता है. उन्होंने कहा, 'जबकि असलियत यह है कि कलकत्ता यूनिवर्सिटी के वीसी के तौर पर श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने विश्वविद्यालय में इस्लामिक स्टडीज की स्थापना की थी. वह बंगाल के सच्चे सपूत थे. उनकी सच्ची विरासत को लोगों के बीच प्रचारित प्रसारित किए जाने की जरूरत है. अगर श्यामा प्रसाद मुखर्जी जिंदा होते तो उन्हे बीजेपी की राजनीति पर शर्म आती.'
गौरतलब है कि आज श्यामा प्रसाद मुखर्जी की पुण्यतिथि है. 23 जून 1953 को उनका निधन श्रीनगर में हुआ था. उनका जन्म 6 जुलाई 1901 में हुआ था. श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने 1951 में भारतीय जनसंघ की स्थापना की थी. जनसंघ से ही भारतीय जनता पार्टी का गठन हुआ था.
ममता बनर्जी सरकार का श्यामा प्रसाद मुखर्जी के पुण्यतिथि को मनाने का फैसला उस समय आया है, जब पश्चिम बंगाल में भारतीय जनता पार्टी लगातार मजबूत हो रही है. हालिया लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने शानदार जीत हासिल की थी. पश्चिम बंगाल की 42 लोकसभा सीटों में से भारतीय जनता पार्टी ने 18 सीटों पर कब्जा जमाया था.
इस बीच, बीजेपी के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू पर श्यामा प्रसाद मुखर्जी की मौत मामले में जांच के आदेश नहीं देने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि पूरा देश डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की मौत की जांच की मांग कर रहा था. लेकिन तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने जांच पड़ताल का आदेश नहीं दिया था. इतिहास इसका गवाह है. लेकिन डॉ. मुखर्जी का बलिदान बेकार नहीं जाएगा.