अयोध्या में पांच अगस्त को होने वाले राम मंदिर के भूमि पूजन को लेकर तैयारियां जोरों पर हैं. इसके लिए अयोध्या को दुल्हन की तरह सजाया जा रहा है. पीएम मोदी खुद इस आयोजन में शामिल होने वाले हैं. लेकिन कोरोना काल में होने जा रहे इस भव्य कार्यक्रम में पीएम मोदी के शामिल होने पर विपक्ष के कई नेता उन पर जुबानी हमले भी कर रहे हैं.
इसी क्रम में टीएमसी नेता इदरिस अली ने कहा कि 5 अगस्त को राम मंदिर भूमि पूजन समारोह में भाग लेने से, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का उल्लंघन करेंगे. इस महामारी की स्थिति में, सरकार ने एक दिशा-निर्देश जारी किया था जिसमें कहा गया था कि 'किसी भी तरह की सामूहिक भीड़ को अनुमति नहीं दी जाएगी.'
यह भी पढ़ें: राम मंदिर आंदोलन के साथ-साथ कई बार बदली रामलला की पूजा व्यवस्था, जानें पूरा इतिहास
पूर्व सांसद और टीएमसी नेता इदरिस अली ने कहा, "हम हमेशा प्रधानमंत्री के पद का सम्मान करते हैं लेकिन भारत के प्रधानमंत्री को उनके पद का मूल्य नहीं पता है. भारत सभी धर्मों का देश है. पीएम खुद लोगों से सोशल डिस्टेंसिंग को बनाए रखने के लिए कह रहे हैं, लेकिन एक पीएम होने के नाते वह राम मंदिर के 'भूमि पूजन' में शामिल होने जा रहे हैं. मुझे लगता है कि उन्हें 'भूमि पूजन' में शामिल नहीं होना चाहिए".
इसके साथ ही टीएमसी नेता ने यह भी आरोप लगाया कि मोदी को चुनाव से पहले उनके द्वारा किए गए वादों पर काम करना चाहिए या फिर अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए.
यह भी पढ़ें: राम जन्मभूमि का गोरखधाम कनेक्शन, तारीखें खुद देती हैं इस बात की गवाही
इदरिस अली ने अपना हमला जारी रखते हुए आगे कहा, "वह भारत के एक बेकार प्रधानमंत्री हैं जो आम लोगों की किसी भी समस्या को हल करने में सक्षम नहीं है, चाहे वह बेरोजगारी या विमुद्रीकरण की समस्या हो. मुझे लगता है कि मोदी को लंबे भाषण देने बंद कर देना चाहिए और वादों पर काम करना शुरू कर देना चाहिए. उन्हें अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए."
अंत में इदरिस अली ने कहा कि हम पूजा करने के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन पीएम को ऐसी सामूहिक सभा में शामिल नहीं होना चाहिए.