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छात्रों ने बनाया एप, कन्फर्म टिकट पाने में मिलेगी मदद

आईआईटी के उद्यमशीलता प्रकोष्ठ ने इस एप को समर्थन दिया है और इस स्टार्ट अप को आईआईटी खड़गपुर के वाषिर्क ग्लोबल बिजनेस मॉडल कंपटीशन में डेढ़ लाख रूपये का इनाम मिला है.

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मुफ्त में डाउनलोड करें एप
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दो छात्रों ने एक ऐसा मोबाइल एप शुरू किया है जो ट्रेन का कन्फर्म टिकट पाने में आपकी मदद करेगा. अपनी अनूठी प्रोग्रामिंग के चलते यह सीट के लिए वैकल्पिक मार्गों की तलाश करता है.

एप बताएगा किस स्टेशन से मिलेगी कन्फर्म टिकट
एप के विकास में साझीदार रूणाल जाजू ने बताया, ‘टिकट बुकिंग के लिए स्टेशन-वार कुछ कोटा हैं. मिसाल की तौर पर आप स्टेशन ‘क’ से टिकट बुक कर रहे हैं, यह वेटिंग लिस्ट दिखा सकता है, लेकिन जब किसी पिछले स्टेशन से बुक कराते हैं तो हो सकता है कि आपको टिकट मिल जाए. अगर आप ऐसे स्टेशन को खुद से खोजना चाहें तो यह मुश्किल होगा, लेकिन हमारा एप इसे स्वत: कर देता है.’ ‘टिकट जुगाड़’ नाम के इस एप्प का विकास आईआईटी खड़गपुर के दूसरे वर्ष के छात्र रूणाल जाजू और उनके चचेरे भाई शुभम बलदावा ने किया है. बलदावा जमशेदपुर एनआईटी के छात्र हैं.

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एप को मिला इनाम
आईआईटी के उद्यमशीलता प्रकोष्ठ ने इस एप को समर्थन दिया है और इस स्टार्ट अप को आईआईटी खड़गपुर के वाषिर्क ग्लोबल बिजनेस मॉडल कंपटीशन में डेढ़ लाख रूपये का इनाम मिला है.

यह एप प्रस्थान स्टेशन से पहले या बाद के स्टेशनों के हिसाब से उपलब्ध टिकट खोज देता है और किसी कन्फर्म टिकट से पूरा होने वाले अधिकतम मार्ग की जानकारी देता है. उल्लेखनीय है कि रेल विभाग यात्रियों को बुकिंग स्टेशन के बाद वाले स्टेशनों से रेलगाड़ी पर सवार होने की इजाजत देता है.

मुफ्त में करें डाउनलोड
जाजू ने बताया कि कुछ टिकट एजेंट बिना किसी एप की मदद से खुद से इस तरह की गणना कर सकते हैं और वे कन्फर्म टिकट उपलब्ध कराते हैं, लेकिन इसके लिए वे बेतहाशा पैसा वसूलते हैं. मजे की बात है कि छात्रों का यह एप मुफ्त में डाउनलोड किया जा सकता है. साथ ही, यह सेवा प्रदान करने के लिए कोई शुल्क नहीं लेता.

जाजू महाराष्ट्र के औरंगाबाद के रहने वाले हैं और औरंगाबाद से खड़गपुर के सफर में टिकट मिलने की कठिनाइयों ने उन्हें यह एप विकसित करने की प्रेरणा दी.

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