scorecardresearch
 

तमिलनाडु सरकार ने कोका कोला संयंत्र के लिए भूमि आवंटन को रद्द किया

सरकार ने तमिलनाडु के इरोड जिले में बहुराष्ट्रीय कंपनी कोका कोला की परियोजना के लिए 71.34 एकड़ भूमि के आवंटन को रद्द कर दिया है. स्थानीय लोगों, किसानों और राजनैतिक दलों के जबर्दस्त विरोध के बाद जमीन आवंटन को रद्द किया गया है.

Advertisement
X
कोका कोला
कोका कोला

सरकार ने तमिलनाडु के इरोड जिले में बहुराष्ट्रीय कंपनी कोका कोला की परियोजना के लिए 71.34 एकड़ भूमि के आवंटन को रद्द कर दिया है. स्थानीय लोगों, किसानों और राजनैतिक दलों के जबर्दस्त विरोध के बाद जमीन आवंटन को रद्द किया गया है.

एक सरकारी अधिकारी ने कहा, 'सरकार ने कोका कोला को 71.34 एकड़ भूमि के आवंटन को रद्द कर दिया है. कंपनी द्वारा शर्तों का पालन नहीं किए जाने को भूमि आवंटन रद्द किए जाने का कारण बताया गया है.' सिपकॉट (स्टेट इंडस्ट्रीज प्रमोशन कॉरपोरेशन ऑफ तमिलनाडु लिमिटेड) ने कहा कि उसने कुछ दिन पहले परियोजना शुरू करने के लिए शर्तों का अनुपालन नहीं करने पर नोटिस भेजा था.

उत्पादन नहीं शुरू करने के लिए कंपनी द्वारा बताए गए कारणों पर अधिकारी ने कहा, 'उनका कहना है कि उन्होंने पहले इसका अध्ययन नहीं किया था और अब उनका दावा है कि परियोजना प्रैक्ट‍िकल नहीं है.' इस बीच, कोका कोला ने कहा कि उसने पहले ही राज्य सरकार को लिखा था, 'दबाव और देरी के कारण वह पेरूनदुरई में सिपकॉट में निवेश करने में सक्षम नहीं है.'

Advertisement

हालांकि, कंपनी ने कहा, 'हिंदुस्तान कोका कोला बेवरेजेज प्राइवेट लिमिटेड तमिलनाडु में निवेश को लेकर प्रतिबद्ध है और राज्य में निवेश को लेकर उत्सुक है.' 21 जून 2013 के आवंटन आदेश में इरोड जिले के पेरूनदुरई में सिपकॉट के परिसर में 71.34 एकड़ भूमि का आवंटन किया गया था. यह पूछे जाने पर कि कंपनी ने किन शर्तों का पालन नहीं किया तो सिपकॉट अधिकारी ने कहा, 'उन्हें आवंटन की तारीख से छह महीने के भीतर (संयंत्र के लिए) निर्माण शुरू करना था. हालांकि, उन्होंने ऐसा नहीं किया.'

उन्होंने कहा, 'वाणिज्यिक उत्पादन शुरू करने के लिए उनके पास तीन साल का समय है, यह मुद्दा नहीं है.' राज्य सरकार ने यह कदम राजनैतिक दलों, किसानों और स्थानीय लोगों समेत कई हलकों से परियोजना का जोरदार विरोध किए जाने के बाद उठाया है. स्थानीय लोगों ने पहले आशंका जताई थी कि इस संयंत्र के लगाए जाने से तेजी से भूजल में कमी आएगी और भवानी नदी प्रदूषित हो जाएगी.

शीघ्र ही इरोड जिले के पेरूनदुरई और चेन्नीमलाई क्षेत्रों में पर्यावरण एनजीओ और व्यापारियों ने इस मामले को उठाया. माकपा के राज्य सचिव जी रामकृष्णन ने मांग की कि राज्य संयंत्र शुरू करने के लिए फर्म को दी गई अनुमति को वापस ले ले. संयंत्र का विरोध करते हुए टीएनसीसी अध्यक्ष ई वी के एस इलंगोवन ने कहा कि स्थानीय लोग और किसान परियोजना से प्रभावित होंगे.

Advertisement

बहुराष्ट्रीय कंपनी ने विरोध के मद्देनजर, हालांकि कहा था कि वह भूजल का इस्तेमाल नहीं करेगी और दूषित जल को संयंत्र परिसर से बाहर नहीं आने देगी. इस महीने की शुरुआत में तमिलनाडु विधानसभा को सूचित किया गया कि प्रस्तावित परियोजना के लिए कोई पर्यावरण अनुमति नहीं दी गई है और सिर्फ इसके लिए भूमि दी गई है.

कोका कोला ने कहा, 'चिंताओं का निवारण करने के लिए सर्वश्रेष्ठ प्रयासों के बावजूद हम निर्माण शुरू नहीं कर सके और परियोजना पर अमल नहीं किया जा सका. हमने राज्य सरकार से अनुरोध किया है कि वह अब तक चुकाई गई सारी रकम लौटा दे.'

इनपुट: भाषा

Advertisement
Advertisement