ऊपरी यमुना बेसिन क्षेत्र में 3966.51 करोड़ रुपये की लागत वाली लखवाड़ बहुउद्देशीय परियोजना के लिए छह राज्यों में आज नई दिल्ली में समझौता किया गया. यूपी, उत्तराखंड, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, दिल्ली और राजस्थान के मुख्यमंत्रियों समेत केंद्रीय जलसंसाधन मंत्री नितिन गडकरी की मौजूदगी में इसके लिए एमओयू पर साइन किए गए.
इस परियोजना के तहत उत्तराखंड में देहरादून जिले के लोहारी गांव के पास यमुना नदी पर 204 मीटर ऊंचा क्रांकीट का बांध बनाया जाना है. इस बांध की जल संग्रहण क्षमता 330.66 एमसीएम होगी. इससे 33,780 हेक्टेयर भूमि की सिंचाई की जा सकेगी.
साथ ही यमुना बेसिन क्षेत्र वाले छह राज्यों में घरेलू और औद्योगिक इस्तेमाल समेत पीने के लिए 78.83 एमसीएम पानी उपलब्ध कराया जा सकेगा. परियोजना से 300 मेगावाट बिजली का उत्पादन भी किया जाएगा.
परियोजना का निर्माणकार्य उत्तराखंड जल विद्युत निगम लिमिटेड करेगा. कुल लागत का 10 फीसदी सभी राज्य देंगे. जबकि, 90 फीसदी राशि केंद्र सरकार की तरफ से दी जाएगी.
बता दें कि 1994 में किए गए एमओयू में पांच राज्य थे, लेकिन नितिन गडकरी की कोशिशों के चलते अब कुल छह राज्यों में इसके लिए सहमति बनी है.
इस बारे में सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि पिछले 42 साल से इतनी महत्वपूर्ण परियोजना अटकी हुई थी. इस पर बनी सहमति देने के लिए मैं सभी सीएम का धन्यवाद देता हूं.
उन्होंने कहा कि कई जगहों पर पानी की उपलब्धता ज्यादा है तो कई जगहों पर पानी की किल्लत है. यूपी दिल्ली हरियाणा समेत कई राज्यों में पेयजल की आपूर्ति की दिक्कत दूर होगी. साथ ही इससे बनने वाली सरप्लस बिजली से यूपी, दिल्ली और दूसरे राज्यों को फायदा होगा. सभी राज्यों को उनके हिस्से का पानी समयबद्ध तरीके से प्राप्त होता रहेगा.
वहीं केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी का कहना है कि हिमालय बेसिन में पानी की नहीं बल्कि उसके नियोजन की कमी है. इस परियोजना से खेती और पीने के पानी की आपूर्ति होगी, जल प्रदूषण कम होगा. साथ ही बिजली का उत्पादन भी होगा.
गडकरी ने बताया कि केन बेतवा परियोजना के लिए सीएम योगी की मंजूरी मिल गई है. सीएम शिवराज सिंह चौहान के कुछ मसले थे. हालांकि उम्मीद है कि एक-दो हफ्तों में इसपर समझौता हो जाएगा.