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सोमनाथ को पार्टी में वापस लाना चाहते थे येचुरी, बीमारी बनी थी रोड़ा

सोमनाथ चटर्जी को किडनी की बीमारी थी, काफी लंबे समय से वह कोलकाता के अस्पताल में ही भर्ती थे. सोमनाथ चटर्जी 89 साल के थे. वह 2004 से 2009 तक लोकसभा के अध्यक्ष रह चुके थे.

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सीताराम येचुरी के साथ सोमनाथ चटर्जी (फाइल फोटो, India Today Group)
सीताराम येचुरी के साथ सोमनाथ चटर्जी (फाइल फोटो, India Today Group)

पूर्व लोकसभा स्पीकर और सीपीएम नेता सोमनाथ चटर्जी अब इस दुनिया में नहीं रहे. सोमवार सुबह लंबी बीमारी के चलते उनका निधन हो गया. लेफ्ट की राजनीति के दिग्गज नेताओं में से एक माने जाने वाले सोमनाथ को 2008 में ही पार्टी से निकाल दिया गया था, उसके बाद जब प्रकाश करात सीपीएम के महासचिव बने तो उनके आने के रास्ते बंद गए थे. लेकिन 2015 में जब सीताराम येचुरी ने कमान संभाली थी, तो उन्होंने चटर्जी को वापस लाने की कोशिश की थी लेकिन इसमें उन्हें कामयाबी नहीं मिली.

दरसअल, 2008 में जब यूपीए-1 का शासन था, तब अमेरिका के साथ परमाणु करार के बाद वाम दल ने सरकार से समर्थन वापस ले लिया था. उस वक्त सोमनाथ चटर्जी लोकसभा स्पीकर थे और उन्हें पद छोड़ने के लिए कहा गया था.

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लेकिन उन्होंने ऐसा करने से इनकार कर दिया था, इसलिए उन्हें पार्टी से ही निकाल दिया गया था. यही कारण रहा कि 2014 लोकसभा चुनाव में उन्हें टिकट भी नहीं दिया गया था.

राजनीतिक गलियारों में इस बात के चर्चे हमेशा रहते थे कि सोमनाथ और प्रकाश करात की नहीं बनती है. यही कारण रहा कि उनकी वापसी मुश्किल रही, लेकिन 2016 में पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव से पहले सीताराम येचुरी ने उनसे मुलाकात की थी. और पार्टी में वापसी करने को लेकर चर्चा की थी. येचुरी उनसे मिलने बोलपुर में उनके आवास तक ही पहुंच गए थे. हालांकि, बढ़ती उम्र और बीमारी के कारण वह एक्टिव पॉलिटिक्स में वापस नहीं आ पाए थे.

अभी कुछ समय पहले ही सोमनाथ ने पार्टी के हालातों को लेकर चिंता व्यक्त की थी. उन्होंने लेफ्ट पार्टियों के मौजूदा हालात को लेकर प्रकाश करात को जिम्मेदार ठहराया था. हालांकि, चटर्जी पार्टी में एक्टिव ना होकर भी लगातार राजनीतिक हलचलों पर प्रतिक्रिया देते रहे थे.

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