वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी ने आज कहा कि अल्पकालिक नीतिगत दरों में वृद्धि के रिजर्व बैंक के कदम से आर्थिक वृद्धि को प्रभावित किये बिना महंगाई को काबू में लाने में मदद मिलेगी.
मुखर्जी ने यहां संसद भवन परिसर में संवाददाताओं से कहा, ‘मुझे उम्मीद है कि मौद्रिक नीति में किये गये बदलावों से पहले से घट रही मुद्रास्फीति में और नरमी आयेगी साथ ही यह हमें आर्थिक वृद्धि के रास्ते पर बनाये रखेगी.’
ऋण एवं मौद्रिक नीति की पहली तिमाही समीक्षा में रिजर्व बैंक ने आज बैंकों को दी जाने वाली अल्पकालिक उधारी यानी रेपो दर 0.25 प्रतिशत बढ़कर 5.75 प्रतिशत और बैंकों से ली जानी वाली अल्पकालिक राशि यानी रिवर्स रेपो दर को 0.50 प्रतिशत बढ़कर 4.50 प्रतिशत कर दिया.
मुखर्जी ने कहा, ‘रिजर्व बैंक द्वारा पेश मौद्रिक नीति सोच समझकर सही दिशा में उठया गया एक और कदम है, रिजर्व बैंक ने न केवल नीतिगत दरों में वृद्धि की है बल्कि इस वृद्धि के साथ बैंक ने रेपो और रिवर्स रेपो दरों के बीच के फासले को भी कम किया है इससे अधिक सक्षम वित्तीय प्रणाली बनाने में मदद मिलेगी.’
सीआरआर दर को स्थिर रखने जाने पर संतोष जताते हुये मुखर्जी ने कहा, ‘मुझे खुशी है कि सीआरआर दर में वृद्धि नहीं की गई, क्योंकि 3जी स्पेक्ट्रम के लिये लगाई गई बोली पर भुगतान के कारण बैंकिंग तंत्र पर दबाव बढ़ गया था.’ कैलेंडर वर्ष में रेपो और रिवर्स रेपो दर में चौथी बार वृद्धि की गई है. इससे पहले केन्द्रीय बैंक ने 29 जनवरी को नकद आरक्षित अनुपात (सीआरआर) में 0.75 प्रतिशत वृद्धि कर इसे 5.75 प्रतिशत कर दिया था.