प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपना सबसे बड़ा फैसला लेते हुए तय किया है कि उनके लिए अब सड़कों पर किसी तरह का कोई वीवीआईपी रूट नहीं लगेगा. प्रधानमंत्री काफिले के दौरान ना तो सड़कों पर ट्रैफिक रोका जाएगा ना ही डाइवर्ट किया जाएगा. पीएम के काफिले के लिए पुलिस अमूमन करीब 45 मिनट तक ट्रैफिक पर ब्रेक लगा देती थी, लेकिन अब प्रधानमंत्री मोदी आम जनता के ही साथ सड़क पर सफर करते नजर आएंगे.
मोदी ने इस दिशा में एक छोटा सा कदम बढ़ा भी दिया है. आज ऑल पार्टी मीटिंग के बाद प्रधानमंत्री ने लाइब्रेरी से ऑफिस का रास्ता पैदल ही तय किया, जबकि उनका काफिला तैयार खड़ा था.
जब प्रधानमंत्री का काफिला चलता है तो दिल्ली की सड़कों पर सन्नाटा पसर जाता है. आम लोग देर तक इंतजार करते रहते हैं। उन्हें सड़क पर निकलने की इजाजत तभी मिलती है जब प्रधानमंत्री का काफिला पूरी तरह निकल जाता है। लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। सूत्रों के मुताबिक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने निर्देश दिया है कि दिल्ली में उनके सड़क पर निकलने के दौरान आम लोगों के ट्रैफिक को कम से कम तकलीफ दी जाए। यानी उनके लिए रूट पर यातायात को तकलीफ नहीं दी जाएगी.
ऐसे चलते हैं प्रधानमंत्री
प्रोटोकॉल के तहत जब प्रधानमंत्री निकलते हैं तो 45 मिनट पहले उस रूट को खाली करा लिया जाता है. पीएम के रूट की निगरानी स्पेशल सिक्योरिटी ग्रुप (एसपीजी) के जिम्मेदारी है, जो दिल्ली पुलिस के सिक्योरिटी सेल को इसकी जानकारी देता है. ये रोज का काम है. दिल्ली पुलिस के एसीपी स्तर के पुलिस अधिकारी पीएम के निकलने से पहले रूट को खाली कराते हैं. लेकिन अब मोदी के निर्देश के बाद पीएम के लिए वीवीआईपी रूट नहीं लगाया जाएगा. पीएम के काफिले के लिए सड़कें खाली नहीं होंगी. सड़कों पर ट्रैफिक रोका नहीं जाएगा यानी लोगों को 45 मिनट का इंतजार नहीं करना होगा.
विपक्ष ने कसा तंज
प्रधानमंत्री के इस फैसले पर बीजेपी कह रही है कि मोदी हमेशा बेहतर सोचते हैं. लेकिन विपक्ष मोदी के इस फैसले की तारीफ तो कर रहा है लेकिन तंज भी कस रहा है कि पीएम को आम आदमी की इतनी ही चिंता है तो अमित शाह को बिना वजह जेड प्लस की सुरक्षा क्यों दी जा रही है.