उत्तराखंड में बुर्के को लेकर एक अजीब समस्या पैदा हो गई है. प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत जिन मुस्लिम महिलाओं को मकान बनाने के लिए लाभ मिलना था वो बुर्का हटाकर तस्वीर नहीं खिंचवाना चाहतीं. मुस्लिम महिलाओं ने परंपरा का हवाला देकर फोटो खिंचवाने से मना किया.
' द टाइम्स ऑफ इंडिया' की खबर के मुताबिक प्रधानमंत्री आवास योजना से जुड़े अधिकारियों को इस मुश्किल से दो चार होना पड़ रहा है. दरअसल आवास योजना के तहत आर्थिक मदद पाने वाली मुस्लिम महिलाएं बुर्का हटाकर तस्वीरें खिंचवाने को राजी नहीं हैं.
लाभार्थियों की तस्वीर जरूरी
दरअसल प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत जिन लोगों को मदद दी जाती है उनकी तस्वीरें लेना जरूरी होता है. ये तस्वीरें योजना के फॉर्म में लगाई जाती है. लेकिन उत्तराखंड के कई इलाकों में योजना के तहत आवास हासिल करने वाली अधिकतर मुस्लिम महिलाएं बुर्के में ही तस्वीर खिंचाना चाहती हैं. योजना के तहत रकम को रिलीज करने से पहले अधिकारियों के लिए यह जरूरी होता है कि वे लाभार्थी की तस्वीर और भूमि की समस्त जानकारी को प्रधानमंत्री आवास योजना के पोर्टल पर अपलोड करें. इस स्कीम के तहत लाभार्थियों को 1.60 लाख रुपये पक्के मकान के निर्माण के दिए जाते हैं.
उत्तराखंड के मुस्लिम बाहुल्य इलाकों में अधिकारियों को ये परेशानी पेश आ रही है. खासकर देहरादून, रुड़की और हरिद्वार में कई महिलाओं ने बुर्का उठाकर तस्वीर खिंचवाने से इनकार कर दिया. हालांकि अधिकारियों ने इस समस्या का समाधान निकालते हुए महिलाओं की बुर्के में ही तस्वीरें ली हैं, लेकिन उनके हाथों में उनके नाम लिखी तख्तियां थमा दी हैं ताकि उनकी पहचान पुख्ता हो सके.