मोहब्बत जवां होती है, ये कहावत तो आपने सुनी होगी. दो प्यार करने वालों की उम्र बुढ़ापे में तब्दील हो जाती है, लेकिन उनकी मोहब्बत हमेशा जवां रहती है. ये कहावत पश्चिम बंगाल के दमदम शहर में रहने वाले बुजुर्ग दंपति को बखूबी जच रही है.
अल्जाइमर से पीड़ित है पत्नी
बंगाल में रहने वाले 83 साल के पबित्र नंदी 55 साल बाद फिर से अपनी पत्नी के साथ शादी के बंधन में बंध गए. गीता नंदी की उम्र 81 वर्ष है और पिछले सात सालों से अल्जाइमर ने धीरे-धीरे उनकी याददाश्त को मिटा दिया है. पबित्र नंदी ने बताया कि वह एक चिकित्सक रह चुकी है और एक अभ्यास चिकित्सक के रूप में, उसे देखकर भी छह महीने बाद उसके मरीजों का विवरण याद किया जा सकता था लेकिन जब यह बीमारी हुई, तो वह हमारे रिश्तेदारों को भी याद नहीं कर सकती.
लाइफ रही है बिज़ी
गीता को भूलने की इस बीमारी से पहले, बुजुर्ग दंपति की जिंदगी में काफी भागदौड़ थी. गीता की इस बीमारी का इलाज पिछले सात साल से चल रहा है. पबित्र नंदी बोटनी के प्रोफेसर रह चुके हैं और गीता सामाजिक कार्यकर्ता भी रह चुकी है. बीआर सिंह अस्पताल से रिटायर होकर गीता ने राजनीति में कदम रखा.
पबित्र ने बताया कि उन्हें मुनिसिपल काउंसिल के लिए चैयरमैन भी चुना गया था. कुछ समय बाद गीता को याददाश्त खोने की शिकायत होने लगी. पहले हमें लगा कि यह उम्र के साथ है. लेकिन बाद में यह बुरा होता गया. कुछ सालों बाद वह पूरी तरह से अपनी याददाश्त खो चुकी थी.
पबित्र ने बताया कि उन्होंने परिवार के खिलाफ जाकर शादी की थी, हमारी प्रेमकहानी ट्यूशन क्लास से शुरू हुई थी. शायद गीता के माता-पिता उसकी शादी किसी अमीर घर में करना चाहते थे ना कि एक बोटनी ऑफिसर से.
इलाज के दौरान, डॉक्टर ने सलाह दी कि गीता को उसके पूर्वज घर में ले जाया जाए जो कि बांग्लादेश में है. शायद इससे उसकी याददाश्त वापस आ जाए, लेकिन यह सलाह भी काम ना कर पाई.
बता दें यह बुजुर्ग दंपति बे-औलाद हैं और अपने द्वारा कमाई जाने वाली सारी राशी को दान में दे देते थे, जरूरतमंद बच्चों को बांट दे देते थे.
अब डॉक्टर ने शादी करने की सलाह दी, ताकि गीता की याद को वापस से पाया जा सके.