scorecardresearch
 

कर्नाटक: 17 MLA को चुनाव लड़ने की हरी झंडी, येदियुरप्पा सरकार के लिए 9 की जीत जरूरी

कांग्रेस-जेडीएस से बागवत करने वाले विधायकों को भले ही सुप्रीम कोर्ट से राहत मिल गई हो, लेकिन कर्नाटक की बीएस येदियुरप्पा सरकार की मुसीबत कम नहीं हुई है. बीजेपी को सत्ता में बरकरार रहने के लिए 15 सीटों पर होने वाले उपचुनाव में कम से कम 9 सीटों को जीतना जरूरी बन गया है.

Advertisement
X
कर्नाटक के सीएम कुमारस्वामी (फोटो-getty image)
कर्नाटक के सीएम कुमारस्वामी (फोटो-getty image)

  • कर्नाटक में 17 अयोग्य विधायकों को राहत
  • कर्नाटक की 15 विधानसभा सीटों पर होंगे उपचुनाव
  • बीजेपी को सत्ता में बने रहने के लिए 9 सीटें चाहिए

कर्नाटक के अयोग्य करार दिए गए 17 बागी विधायकों को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. सर्वोच्च अदालत ने विधानसभा के स्पीकर द्वारा अयोग्य करार विधायकों को चुनाव लड़ने की हरी झंडी दे दी है. इस तरह से कांग्रेस-जेडीएस से बगावत करने वाले विधायकों को भले ही राहत मिल गई हो, लेकिन कर्नाटक की बीएस येदियुरप्पा सरकार की मुसीबत कम नहीं हुई है. बीजेपी को सत्ता में बरकरार रहने के लिए 15 सीटों पर रहे उपचुनाव में कम से कम 9 सीटों को जीतना जरूरी बन गया है.

बता दें कि कर्नाटक में सरकार की खींचतान के बीच तब कांग्रेस के 14, जेडीएस के 3 विधायकों ने इस्तीफा दे दिया था. इसी के बाद तत्कालीन विधानसभा स्पीकर रमेश कुमार ने सभी 17 विधायकों को अयोग्य करार दिया था. इस राजनीतिक उठापटक के बाद कर्नाटक में एचडी कुमारस्वामी की सरकार गिर गई थी और येदियुरप्पा के नेतृत्व में बीजेपी ने सत्ता में वापसी की थी.

Advertisement

अयोग्य करार दिए जाने के खिलाफ सभी विधायक हाईकोर्ट गए थे, बाद में सुप्रीम कोर्ट भी गए थे. अयोग्य विधायकों में से 15 विधायक सुप्रीम कोर्ट पहुंचे  तो 2 विधायक हाईकोर्ट पहुंचे थे. इसी बीच चुनाव आयोग ने कर्नाटक की 15 सीटों पर उपचुनाव का ऐलान कर दिया था. इसके बाद बागी विधायकों ने सुप्रीम कोर्ट के सामने मांग रखी थी कि चुनाव आयोग को 15 सीटों के लिए विधानसभा उपचुनाव को स्थगित करने का निर्देश दिया जाए. हालांकि अब सुप्रीम कोर्ट के फैसले ने विधायकों के चुनाव लड़ने का रास्ता साफ कर दिया है.

बहुमत के लिए चाहिए 113 विधायक

विधायकों की अयोग्यता के बाद खाली 17 विधानसभा सीटों में से 15 सीटों पर 5 दिसंबर को उपचुनाव होने हैं. उम्मीदवारों को 11 नवंबर से 18 नवंबर के बीच अपना नामांकन पत्र दाखिल करना है. कर्नाटक विधानसभा में फिलहाल 207 सीटें हैं. बहुमत के लिए 104 की जरूरत है. बीजेपी के पास 104 सीटें हैं, जबकि कांग्रेस के पास 66 और जेडीएस के पास 34 सीटें हैं. 15 सीटों पर उपचुनाव के नतीजे आने के बाद कुल सीटें 222 हो जाएंगी. इसके बाद 2 विधानसभा सीटों पर चुनाव बाद में होने है. इस तरह से विधानसभा कुल संख्या 224 की हो जाएगी, ऐस में बहुमत के लिए 113 विधायकों का समर्थन चाहिए.

Advertisement

कर्नाटक में बीजेपी के पास 104 विधायक हैं, ऐसे में बीजेपी को अपने दमपर बहुमत के लिए  113 सीटों की जरूरत पड़ेगी. मतलब साफ है कि उपचुनाव में बीजेपी को सत्ता में बने रहने के लिए 9 सीटें हर हाल में जीतनी होगी. अयोग्य विधायकों को बीजेपी टिकट देकर मैदान में उतार सकती है और ऐसे में येदुरप्पा की राह आसान हो सकती है. अब यह देखना होगा कि बीजेपी उपचुनाव में किस तरह से जीत का परचम फहराती है.

इन 15 सीटों पर उपचुनाव

कर्नाटक की अथानी, कागवाड, गोकक, येल्लपुरा, हिरेकेरुर, रनबेन्नुर, विजयनगर, चिकबल्लापुरा, केआर पुरा, यशवंतपुरा, महालक्ष्मी लायुत, शिवाजीनगर, होसकोटे, केआर पेटे और हंसुर विधानसभा सीटों पर उपचुनाव हो रहे हैं. जबकि, राजराजेश्वरी नगर और मस्की विधानसभा सीट का मामला हाईकोर्ट में विचाराधीन होने के चलते चुनाव नहीं हो रहे हैं.

इन नेताओं पर होगी नजर

स्पीकर ने कांग्रेस के 14 और जेडीएस के 3 विधायकों को अयोग्य कर दिया था, जिन्हें सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव लड़ने की इजाजत दे दी है. इनमें कांग्रेस के प्रताप गौडा पाटिल, बीसी पाटिल, शिवराम हैब्बर, एसटी सोमशेखर, ब्यराति बासवराज, आनंद सिंह, आर रोशन बेग, मुनिरत्ना, के सुधाकर, एमटीबी नागराज, श्रीमंत पाटिल, रमेश जार्किहोली, महेश कुमाताहल्ली और आर शंकर शामिल हैं. जबकि, जेडीएस के एएच विश्वनाथ, गोपालैयाह और नारायण गौडा का नाम है.

Advertisement
Advertisement