scorecardresearch
 

सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में माना: सांसदों-विधायकों पर दर्ज हैं हजारों आपराधिक मामले

देश के 1,765 सांसदों और विधायकों के खिलाफ कुल 3,816 आपराधिक मामले दर्ज हैं. इनमें से 3,045 मामले अभी तक लंबित हैं. सरकार ने संभवत: पहली बार बात सुप्रीम कोर्ट में दिए एक हलफनामे में यह स्वीकार किया है.

Advertisement
X
संसद भवन
संसद भवन

देश के 1,765 सांसदों और विधायकों के खिलाफ कुल 3,816 आपराधिक मामले दर्ज हैं. इनमें से 3,045 मामले अभी तक लंबित हैं. सरकार ने संभवत: पहली बार सुप्रीम कोर्ट में दिए एक हलफनामे में यह स्वीकार किया है. इनमें महाराष्ट्र एवं गोवा के आंकड़े शामिल नहीं हैं.

सबसे ज्यादा मामले यूपी के नेताओं पर

इंडियन एक्सप्रेस की खबर के अनुसार सबसे ज्यादा आपराधिक मामले यूपी के जनप्रतिनिधि‍यों पर हैं. यूपी के 248 विधायकों-सांसदों पर कुल 565 आपराधिक मामले दर्ज हैं, इसके बाद केरल का स्थान है जिसके 114 सांसदों-विधायकों पर 533 केस दर्ज हैं. यूपी में सबसे ज्यादा 539 लंबित मामले भी हैं, जिसके बाद 373 लंबित मामलों के साथ केरल का स्थान है. तीसरे स्थान पर तमिलनाडु है जिसके 178 सांसदों-विधायकों पर 402 मामले दर्ज हैं और उनमें से 324 लंबित हैं. मणिपुर और मिजोरम के किसी भी सांसद या विधायक के खिलाफ कोई भी मामला दर्ज नहीं है.

Advertisement

केंद्रीय कानून एवं न्याय मंत्रालय द्वारा दिए गए हलफनामे में कहा गया है कि बॉम्बे हाईकोर्ट से अभी जानकारी नहीं मिल पाई है कि महाराष्ट्र एवं गोवा के जनप्रतिनिधियों के खिलाफ कितने मामले दर्ज हैं.

गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट में जस्ट‍िस रंजन गोगोई के नेतृत्व वाली दो जजों की बेंच ने 1 नवंबर, 2017 को सरकार से यह जानकारी देने को कहा था कि कितने विधायकों-सांसदों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं. बीजेपी नेता और वकील अश्विनी उपाध्याय ने याचिका दायर कर मांग की थी कि अपराधों के लिए दोषी साबित हो चुके नेताओं को चुनाव लड़ने से आजीवन प्रतिबंधित कर दिया जाए.

इसके पहले मार्च 2014 में कोर्ट ने कहा था कि ऐसे मामलों को एक साल के भीतर निपटाया जाए. सरकार ने बताया कि 23 हाईकोर्ट, सात विधानसभाओं और 11 सरकारों से उसे इसके बारे में जानकारी मिली है. लोकसभा सचिवालय, राज्यसभा सचिवालय और पांच विधानसभाओं ने कहा कि उनके पास ऐसी जानकारी नहीं है. दो सरकारों और पांच विधानसभाओं ने कहा कि वे जानकारी हासिल कर रहे हैं.

34 फीसदी सांसदों के खिलाफ आपराधिक मामले

गौरतलब है कि साल 2014 के संसदीय चुनाव के आधार पर तैयार हलफनामे में एडीआर ने यह रिपोर्ट दी थी कि लोकसभा के 34 फीसदी सांसदों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं. साल 2009 की लोकसभा के लिए यह आंकड़ा 30 फीसदी था. एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) और नेशनल इलेक्शन वॉच (NEW) द्वारा 541 सांसदों के हलफनामे के विश्लेषण के आधार पर रिपोर्ट दिया गया था कि 186 यानी 34 फीसदी सांसदों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं. इनमें से 112 के खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं.

Advertisement

Advertisement
Advertisement