scorecardresearch
 

दो कृत्रिम हाथों से काम करेगी ये भारतीय लड़की

चार महीने पहले एक ट्रेन हादसे में अपने दोनों हाथ गंवा चुकी मोनिका मोरे को अब कृत्रिम हाथों का ही सहारा है. कृत्रिम हाथों के जरिये वो अपना नाम लिखने और काम करने की ट्रेनिंग ले रही हैं.

Advertisement
X

चार महीने पहले एक ट्रेन हादसे में अपने दोनों हाथ गंवा चुकी मोनिका मोरे को अब कृत्रिम हाथों का ही सहारा है. कृत्रिम हाथों के जरिये वो अपना नाम लिखने और काम करने की ट्रेनिंग ले रही हैं.

16 साल की मोनिका देश के उन चंद लोगो में शामिल हैं, जिसे कृत्रिम अंग का जोड़ा दिया जा रहा है. जर्मनी से विशेष तौर पर मंगवाए गए इन कृत्रिम हाथों के इस्तेमाल के लिए मोनिका मोरे को हफ्ते में पांच दिन मेडिकल ट्रेनिंग दी जा रही है.

आपको बता दें कि 21 जनवरी को मोनिका अपना दोनों हाथ उस समय गंवा बैठी थी, जब वो घाटकोपर स्टेशन पर लोकल ट्रेन पकड़ते हुए गिर गई थी और ट्रेन की चपेट में आने से उनका दोनों हाथ काट गया था. मोनिका की स्थिति में लगातार सुधार होने से मोनिका और मोनिका का परिवार बहुत खुश है. मोनिका का कहना है, 'अभी मेरे हाथों में सेंसर लगाये गए हैं, जिनसे इन हाथों के काम को आंका जा रहा है. मुझे प्रतिदिन एक से दो घंटे तक ट्रेनिंग दी जा रही है. मंगलवार को ट्रेनिंग के दौरान मुझे पेन दिया गया और मैंने अपना नाम लिखने की कोशिश की.'

Advertisement

मोनिका मोरे फिर से एक नार्मल जिंदगी जी सके इसके लिए डॉक्टरों की टीम भी पूरे जी-जान से लगी हुई है. डॉक्टरों की माने तो मोनिका को दिए जाने वाले कृत्रिम हाथ 'मायोइलेक्ट्रिक' उसकी कोहनियों से जोड़े जाएंगे. इन्हें लगाने के बाद मोनिका बिना किसी सहायता के खुद कप प्लेट उठाने और दरवाजा खोलने और बंद करने जैसे काम खुद कर सकेगी. इन हाथों को मोनिका बारिश में भी इस्तेमाल कर सकेगी. ये कोशिश भी की जा रही है की इन हाथों का कलर मोनिका की त्वचा के रंग से मिलता-जुलता हो.

मोनिका का इलाज कर रहे एक डॉक्टर के मुताबिक, 'अभी मोनिका को ट्रेनिंग दी जा रही है. लगभग एक से डेढ़ महीने की ट्रेनिंग के बाद ही हम उसका ऑपरेशन करेंगे.'

Advertisement
Advertisement