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महाराष्‍ट्र, हरियाणा, अरुणाचल में 13 अक्‍टूबर को चुनाव

चुनाव आयोग आज तीन राज्यों के विधानसभा चुनावों की तारीखों का एलान कर दिया. महाराष्ट्र, हरियाणा और अरुणाचल प्रदेश में 13 अक्‍टूबर को विधानसभा चुनाव कराए जाएंगे.

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{mosimage}चुनाव आयोग आज तीन राज्यों के विधानसभा चुनावों की तारीखों का एलान कर दिया. महाराष्ट्र, हरियाणा और अरुणाचल प्रदेश में चुनाव होने हैं जिसके लिए आयोग आज चुनाव का विस्तृत कार्यक्रम घोषित कर दिया.

महाराष्‍ट्र में 288 विधान सभा सीटें हैं जबकि हरियाणा में 90 और अरुणाचल प्रदेश में 60 विधानसभा सीटें हैं. मुख्‍य चुनाव आयुक्‍त नवीन चवला ने तारीखों की घोषणा करते हुए बताया कि मतदाताओं की नई सूची तैयार कर ली गई है तथा तीनों राज्‍यों में नए परिसीमन के अनुसार चुनाव कराए जाएंगे. हरियाणा में एक करोड़ 20 लाख 63 हजार मतदाता हैं जबकि महाराष्‍ट्र में मतदाताओं की संख्‍या 7 करोड़ 56 लाख 34 हजार है. अरुणाचल में 2061 मतदान केंद्र पर वोट डाले जा सकेंगे वहीं हरियाणा में 12,894 मतदान केंद्र और 82028 मतदान केंद्र महाराष्‍ट्र में होंगे. चुनाव आयुक्‍त ने यह भी बताया कि मतदान के लिए सुरक्षा के कड़े बंदोबस्‍त किए जाएंगे. उन्‍होंने कहा कि निष्‍पक्ष चुनाव के लिए तमाम तैयारियां कर ली गई हैं. इन चुनावों में पर्यवेक्षक के नाम और मोबाइल नंबर सार्वजनिक होंगे.

एक ही दिन होंगे चुनाव
चुनाव आयोग आज तीन राज्यों के एक साथ विधानसभा चुनाव कराने की घोषणा कर दी. मतदान 13 अक्‍टूबर को और 22 अक्‍टूबर को वोटों की गिनती कराने की घोषणा की गई है.

तारीखों के ऐलान के साथ आचार संहिता लागू
चुनाव तारीखों के एलान के साथ ही तीनों राज्यों में आदर्श आचार संहिता लागू हो गया. महाराष्ट्र, हरियाणा और अरुणाचल प्रदेश में विधानसभा के चुनाव होने हैं. महाराष्ट्र में कुल 288 सीटें हैं और कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी. हालांकि पिछले चुनाव में कांग्रेस ने 164 सीटों पर चुनाव लड़ा था और 69 सीटें जीत कर आई थी लेकिन नारायण राणे जब शिवसेना छोड़ कांग्रेस में शामिल हुए तो उनके खेमे के विधायकों ने दोबारा चुनाव जीतकर कांग्रेस का नंबर भी 75 तक पहुंचा दिया. एनसीपी के पास 71 सीटें हैं, पार्टी ने 121 सीटों पर चुनाव लड़ा था.

कांग्रेस-एनसीपी के बीच सीटों को लेकर टकरार
कांग्रेस और एनसीपी के बीच सीटों के बंटवारे को लेकर अब तक रार मची हुई है. दोनों पार्टियां एक दूसरे के मुद्दे झपटने की कोशिश में हैं. उधर, बीजेपी और शिवसेना के बीच सीटों के तालमेल का वही पुराना फ़ार्मुला इस बार भी लागू होगा जो 1989 से चल रहा है. शिवसेना ने 171 सीटों पर चुनाव लड़ा था और 62 सीटें जीतीं थीं. हालांकि अब शिवसेना के सिर्फ़ 56 विधायक हैं. बीजेपी ने 117 सीटों पर चुनाव लड़ कर 54 सीटें जीती थीं. 171 और 117 सीटों का वही फार्मुला इस बार भी चलेगा, ये बात शिवसेना के मुखपत्र सामना में भी छप चुकी है. इसके अलावा जन सुराज शक्ति के 4 विधायक, सीपीएम के 3, आठवले की आरपीआई में 1 और 24 अन्य.

हरियाणा में चुनावी माहौल गरमाया
उधर हरियाणा में विधासभा भंग होने के बाद से ही चुनावी माहौल गरमाया हुआ है. कांग्रेस लोकसभा चुनावों में मिली कामयाबी को हरियाणा विधानसभा चुनाव में भुनाना चाहती है हालांकि पार्टी के भीतर टिकट बंटवारे को लेकर रार मची हुई है. बहरहाल, विधानसभा की मौजूदा तस्वीर देखें तो हरियाणा में कुल सीटें हैं 90. कांग्रेस के पास 63 सीटें हैं. इंडियन नेशनल लोकदल के पास 8. बीजेपी, एनसीपी और बीएसपी के पास एक-एक विधायक हैं. अन्य विधायकों की संख्या 10 है जबकि 6 सीटें खाली हैं.

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