दिल्ली हिंसा पर गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में बुधावार को बयान दिया. इस मुद्दे पर सदन में लंबी चर्चा हुई जिसके बाद गृह मंत्री की ओर से जवाब दिया गया. अपने बयान में गृह मंत्री ने सरकार की ओर से हिंसा रोकने के प्रयासों और पुलिस की ओर से की गई कार्रवाई की विस्तृत जानकारी सदन के पटल पर रखी. उन्होंने कहा कि फेस आइडेंटिफिकेशन सॉफ्टवेयर के जरिए 1100 से ज्यादा लोगों की पहचान की गई है जो हिंसा फैलाने में लिप्त थे.
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अमित शाह ने लोकसभा में असदुद्दीन ओवैसी पर निशाना साधते हुए कहा कि सॉफ्टवेयर ना धर्म देखता है और ना कपड़े वो सिर्फ चेहरा देखता है और लोगों की पहचान करता है, इसलिए किसी एक समुदाय को निशाना बनाना की बात बिल्कुल गलत है. शाह ने कहा, 'इस सॉफ्टवेयर के अंदर 1100 से ज्यादा आधार, ड्राइविंग लाइसेंस समेत और सरकारी दस्तावेजों को डाटा डाला गया है, इसमें 1100 से ज्यादा लोगों की पहचान की जा चुकी है.'
Face Identification Software से दंगाइयों की पहचान की जा रही है।
अभी तक 1100 से ज्यादा लोग पहचाने जा चुके हैं। इसमें 300 से ज्यादा लोग उत्तर प्रदेश से दिल्ली में दंगा करने के लिए आये थे जिसकी पुष्टि उत्तर प्रदेश से प्राप्त डाटा से हुई है जो बताता है कि ये बहुत गहरी साजिश थी। pic.twitter.com/1lJB7oR73W
— Amit Shah (@AmitShah) March 11, 2020
गृह मंत्री ने दिल्ली हिंसा पर अहम खुलासा करते हुए कहा कि इस जांच से पता चला है कि तीन सौ से ज्यादा लोग यूपी से दिल्ली में हिंसा करने के लिए आए थे. उनका डाटा मंगाने पर इसका खुलासा हुआ है कि हिंसा के पीछे गहरी साजिश रची गई थी. अमित शाह ने कहा कि हिंसा के दोषियों को पकड़ने का पूरा इंतजाम किया गया है. उन्होंने बताया कि 27 फरवरी से अब तक 700 से ज्यादा FIR दर्ज की जा चुकी हैं.
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अमित शाह ने दावा किया कि साइंटिफिक सबूतों के आधार पर दोषियों के खिलाफ पूरी कार्रवाई की जा रही है. इस मामले में बयान दर्ज किए जा रहे हैं. किसी भी निर्दोष को कोई तकलीफ नहीं होने दी जाएगी. उन्होंने कहा कि एसआईटी की टीमें बनाई हैं, जिसने आर्म्स एक्ट के तहत करीब 49 केस दर्ज किए हैं. साथ ही दिल्ली पुलिस ने 152 हथियार भी बरामद किए हैं.