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जगन्नाथ यात्रा: सुप्रीम कोर्ट पहुंचे संबित पात्रा, भक्तों की मंडली के बिना मांगी यात्रा की इजाजत

कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा पर रोक लगा दी है. वहीं इस मामले में अब भारतीय जनता पार्टी के नेता संबित पात्रा अदालत पहुंच चुके हैं.

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सुप्रीम कोर्ट (फाइल फोटो)
सुप्रीम कोर्ट (फाइल फोटो)

  • सुप्रीम कोर्ट की जगन्नाथ यात्रा पर रोक
  • कोर्ट में संबित पात्रा ने लगाई याचिका

देश में कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा पर रोक लगा दी है. वहीं इस मामले में अब भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नेता संबित पात्रा भी अदालत पहुंच चुके हैं. पात्रा ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है.

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पुरी से लोकसभा चुनाव लड़ चुके बीजेपी नेता संबित पात्रा ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है. इसमें कहा गया है कि भगवान जगन्नाथ के उन 800 सेवायतों के माध्यम से भक्तों की मंडली के बिना रथ यात्रा आयोजित करने की अनुमति दी जा सकती है, जो सेवायत कोविड टेस्ट में निगेटिव आते हैं. बता दें कि बीजेडी के पिनाकी मिश्रा के खिलाफ मुकाबले में पुरी से संबित पात्रा लोकसभा चुनाव 2019 हार गए थे.

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दरअसल, कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण की वजह से इस यात्रा पर रोक लगाई गई है. रथ यात्रा पर रोक लगाने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे ने कहा था कि लोगों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए हम इस साल रथ यात्रा रोकने को उचित मानते हैं और इस बात का निर्देश दिया जाता है कि ओडिशा के मंदिर क्षेत्रों में किसी भी रथ यात्रा का आयोजन ना किया जाए.

ओडिशा सरकार का फैसला

वहीं ओडिशा कैबिनेट ने भी रथ यात्रा पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन करने का फैसला किया है. ओडिशा सरकार कोविड-19 महामारी के मद्देनजर इस साल पुरी में भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा आयोजित नहीं कराएगी. ये फैसला सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद मुख्यमंत्री नवीन पटनायक की अध्यक्षता में हुई राज्य मंत्रिमंडल की आपातकालीन बैठक में लिया गया.

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