लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर विवादित टिप्पणी की. हालांकि इसको लेकर उन्होंने माफी मांगते हुए कहा कि उनकी हिंदी अच्छी नहीं है. वहीं उनके बयान पर लखनऊ से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ने वाले आचार्य प्रमोद कृष्णम ने ट्वीट कर कहा, 'हिंदी आती नहीं तो बोलते क्यों हो. बंगला में ही भाषण दे दिया करो. पार्टी को बर्बाद करना जरूरी है क्या.'
लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी इन दिनों चर्चा में हैं. उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी पर विवादित टिप्पणी करने के बाद माफी मांग ली है. अधीर रंजन चौधरी ने बयान दिया था कि ऐसा गलतफहमी में हुआ है. उन्होंने कहा कि उन्होंने पीएम के लिए 'नाली' शब्द का इस्तेमाल नहीं किया था. यदि पीएम मोदी इससे नाराज हैं तो वे माफी मांगते हैं.
अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि पीएम को चोट पहुंचाने की उनकी कोई मंशा नहीं थी. यदि मेरे बयान से पीएम को चोट पहुंचा है तो वे व्यक्तिगत रूप से उनसे माफी मांगते हैं. मेरी हिन्दी अच्छी नहीं है, नाली कहने का मेरा मतलब वाटर चैनल से था.
हिंदी आती नहीं तो बोलते क्यूँ हो “बंगला”
में ही भाषण दे दिया करो,पार्टी को “बर्बाद” करना ज़रूरी है क्या.......?
— Acharya Pramod (@AcharyaPramodk) June 25, 2019
बता दें कि लोकसभा में कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने विवेकानंद और पीएम नरेंद्र मोदी की तुलना के संदर्भ में कहा था कि कहां मां गंगा और कहां गंदी नाली. अधीर रंजन के इस बयान पर बीजेपी के सांसद भड़क गए और सदन में खूब शोर-शराबा हुआ था.
इससे पहले आचार्य प्रमोद वन नेशन वन इलेक्शन पर भी कांग्रेस पार्टी के खिलाफ बयान दे चुके हैं.
प्रमोद कृष्णम ट्वीट किया था, 'विपक्ष को वन नेशन वन इलेक्शन का विरोध करने की बजाय खुली बहस करनी चाहिये, ये अलग बात है कि फिलहाल इसका फायदा भाजपा को होगा, लेकिन किसी पार्टी को लाभ होने के डर से, देश का नुकसान तो नहीं किया जा सकता.'