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केंद्र-राज्य संबंधों पर आघात कर रही है कांग्रेस: शरद

विधानसभा चुनाव के मद्देनजर केंद्र सरकार में कांग्रेस के मंत्रियों द्वारा लगातार बिहार दौरे और नीतीश सरकार की आलोचना पर राजग के संयोजक शरद यादव ने कहा है कि केंद्रीय मंत्रियों का दौरा केंद्र-राज्य संबंधों को आघात पहुंचाने वाला है.

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विधानसभा चुनाव के मद्देनजर केंद्र सरकार में कांग्रेस के मंत्रियों द्वारा लगातार बिहार दौरे और नीतीश सरकार की आलोचना पर राजग के संयोजक शरद यादव ने कहा है कि केंद्रीय मंत्रियों का दौरा केंद्र-राज्य संबंधों को आघात पहुंचाने वाला है.

केवल जुलाई माह में ही लगभग आधे दर्जन केंद्रीय मंत्रियों ने बिहार का दौरा किया, जिसमें वाणिज्य एवं उद्योग राज्यमंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, कोयला मंत्री श्रीप्रकाश जायसवाल, महिला एवं बाल विकास राज्यमंत्री कृष्णा तीरथ, संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री सचिन पायलट और बिजली राज्य मंत्री भरत सिंह सोलंकी शामिल हैं.

जद यू अध्यक्ष ने कहा, ‘‘इस वर्ष के अंत में बिहार में होने वाले विधानसभा चुनाव में हमारा मुकाबला राजद और लोजपा गठबंधन से है. चुनाव में कांग्रेस की चर्चा प्रदेश में मंत्री पहुंचाने तक ही सीमित है. किसी के आने जाने से कांग्रस को कोई लाभ होने वाला नहीं है.’’

उन्होंने कहा, ‘‘हिन्दुस्तान के संविधान के तहत शासन व्यवस्था में केंद्र-राज्य संबंध को महत्वपूर्ण स्थान दिया गया है. इसके तहत केंद्र और राज्य के अधिकारों का बंटवारा किया गया है. कांग्रेस पार्टी ने राज्य में मंत्रियों को भेजकर केंद्र और राज्य के बीच अधिकारों के संवैधानिक बंटवारे को चोट पहुंचाई है.’’ शरद ने कहा कि जिस विभाग का मंत्री है, वह राज्य के दौरे पर अपने विभाग के बारे में बोल रहे हैं. वे केंद्र राज्य संबंधों पर आघात पहुंचा रहे है. ये और बुरा काम है.{mospagebreak}हालांकि, उन्होंने इस प्रश्न का उत्तर देने से साफ इनकार कर दिया कि क्या गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी के लिए ‘बिहार बंद’ है.

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कैग की रिपार्ट में राज्य की नीतीश कुमार सरकार के शासनकाल में कथित अनियमितता का उल्लेख किये जाने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘‘यह मामला अदालत में है. वहां फैसला हो जायेगा.’’ बिहार में विकास की बात को महज कागजों तक सीमित रहने के विपक्ष के आरोपों के बारे में पूछे जाने पर जदयू अध्यक्ष ने कहा, ‘‘लोकतंत्र है, किसी को कुछ भी कहने का हक है . इस पर चुनाव में फैसला हो जायेगा, जनता तय कर देगी. पिछले चुनाव के समय हमने जो कहा था, उस पर गंभीरता से काम किया है.’’

यह पूछे जाने पर कि पिछले विधानसभा चुनाव और इस चुनाव में क्या अंतर पाते हैं, शरद ने कहा, ‘‘कोई अंतर नहीं दिख रहा है. पिछली बार भी ‘विकास’ मुख्य मुद्दा था, इस बार विकास के साथ गरीबी, भूख और भ्रष्टाचार पर हमला अहम विषय है.’’ उन्होंने कहा कि लोगों का विकास ही राज्य में आर्थिक एवं सामाजिक विषमता को समाप्त करने में सक्षम होगा और तभी बिहार का बेहतर भविष्य बनेगा.{mospagebreak}

उन्होंने कहा, ‘‘पिछले 55 महीने में हमने बिहार का विकास कार्य पूरी शक्ति से किया है. वहां जो विकास कार्य हो रहे हैं, उसके बारे में दुनिया कह रही है, केवल हम नहीं.’’ जाति आधारित जनगणना के विषय पर मंत्रियों के समूह के फैसले के बाद प्रणव मुखर्जी से मिले आश्वासन के बारे में पूछे जाने पर शरद ने कहा, ‘‘पूरे संसद ने सर्वसम्मति से जाति आधारित जनगणना के पक्ष में अपनी राय दी है. संसद सर्वोच्च होता है और मंत्रिमंडल नीतियों पर फैसला करती है. संसद की राय पर सरकार अमल करेगी, ऐसा मुझे विश्वास है. इस विषय पर प्रणव बाबू ठीक ही कह रहे हैं.’’

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सरकार पर महंगाई को नियंत्रित करने में विफल रहने का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि जब लोकसभा अध्यक्ष और राज्यसभा के सभापति ने कह दिया कि महंगाई से जनता त्रस्त है, तो सरकार को इस पर काबू करने के लिए कारगर कदम उठाने चाहिए.

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