पाकिस्तान के आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा ने जम्मू-कश्मीर में अपने कार्यकर्ताओं से कहा है कि अगर वे सुरक्षाकर्मियों द्वारा पकड़े जाते हैं, तो वे अपनी उम्र 18 वर्ष से कम बताएं.
आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि गिरफ्तार किये गये मोहम्मद नवीद जट उर्फ अबु हनाजला ने लश्कर-ए-तैयबा की इस रणनीति का खुलासा किया है. हनाजला की उम्र पता करने के लिए परीक्षण किया गया, क्योंकि उसने जांचकर्ताओं को अपनी उम्र 17 वर्ष बताई थी. लगातार पूछताछ के बाद जट ने कहा कि सीमापार के उसके ‘आकाओं’ ने उसे अपनी उम्र 17 वर्ष बताने को कहा था. हालांकि जांच में जट की उम्र 22 साल निकली.
जट ने कहा कि लश्कर द्वारा अपने नए सदस्यों से कहा गया है कि उन्हें 18 वर्ष से कम उम्र वाले लड़के की तरह व्यवहार करना है, ताकि उनके खिलाफ मामला भारतीय दंड संहिता, नहीं बल्कि किशोर न्याय अधिनियम के तहत दर्ज हो. किशोर न्याय अधिनियम में अधिकतम सजा तीन वर्ष की है.
लश्कर के ज्यादातर सदस्य पढा़ई बीच में छोड़ने वाले या आपराधिक पृष्ठभूमि वाले हैं. सूत्रों ने कहा कि पाकिस्तान के मुल्तान के रहने वाले जट को पुलिस ने दक्षिण कश्मीर में पिछले महीने के तीसरे सप्ताह में गिरफ्तार किया था. उसने बताया कि वह अक्तूबर 2012 में छह लड़कों के साथ उत्तर कश्मीर के केरान सेक्टर से कश्मीर आया था. एक सेवानिवृत्त सेना चालक के बेटे जट को लश्कर के मुखौटा संगठन जमात उल दावा के विभिन्न मदरसों में प्रशिक्षण दिया गया.
सूत्रों ने कहा कि उसने बताया कि प्रशिक्षण के दौरान, लश्कर के शीर्ष नेता प्रतिभा पर ध्यान दिया करते थे और उसी के हिसाब से लड़कों को उनकी काबिलियत के अनुसार क्षेत्र में भेजा करते थे. इन लड़कों को चेचेन, सीरियाई और इराकी भाषाएं भी सिखाई गईं. जट पर दक्षिण कश्मीर में कई पुलिसकर्मियों की हत्या और सेना तथा पुलिस दलों पर हमला करने और नेशनल कांफ्रेंस के विधान परिषद सदस्य की हत्या के प्रयास का आरोप है.