scorecardresearch
 

AAP नेता अवध ओझा ने राजनीति से संन्यास का ऐलान किया, अरविंद केजरीवाल को बताया महान नेता

UPSC शिक्षक और मोटिवेशनल स्पीकर अवध ओझा ने राजनीति से संन्यास की घोषणा कर दी है. ओझा इस साल दिल्ली की पटपड़गंज विधानसभा सीट से आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार थे, लेकिन बीजेपी के रविंदर सिंह नेगी से 28 हजार से ज्यादा वोटों से हार गए थे. ओझा ने X पर लिखा कि राजनीति से दूर होना उनका व्यक्तिगत निर्णय है.

Advertisement
X
UPSC शिक्षक और मोटिवेशनल स्पीकर अवध ओझा (Photo: ITG)
UPSC शिक्षक और मोटिवेशनल स्पीकर अवध ओझा (Photo: ITG)

UPSC शिक्षक और मोटिवेशनल स्पीकर अवध ओझा ने मंगलवार को राजनीति से संन्यास का ऐलान कर दिया. यह फैसला उन्होंने तब लिया जब राजनीति में आए उन्हें अभी केवल दस महीने ही हुए थे. ओझा इस साल हुए दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी की ओर से पटपड़गंज सीट से चुनाव लड़े थे, लेकिन उन्हें भारी अंतर से हार का सामना करना पड़ा था.

अवध ओझा ने राजनीति से दूरी बनाने की घोषणा की

अवध ओझा ने X पर एक पोस्ट लिखकर राजनीति से दूरी बनाने की घोषणा की. उन्होंने लिखा कि अरविंद जी, मनीष जी, संजय जी और आम आदमी पार्टी के सभी पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं द्वारा दिए गए सम्मान के लिए वे आभारी हैं. उन्होंने कहा कि राजनीति से संन्यास लेना उनका निजी निर्णय है. ओझा ने अरविंद केजरीवाल को महान नेता बताते हुए जय हिंद लिखा.

अवध ओझा ने राजनीति से संन्यास का ऐलान किया
अवध ओझा ने राजनीति से संन्यास का ऐलान किया

ओझा ने पटपड़गंज के लोगों का भी धन्यवाद किया और कहा कि उन्हें वहां के लोगों से बहुत प्यार मिला. इस चुनाव में वे पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की जगह मैदान में उतरे थे. सिसोदिया 2013, 2015 और 2020 में पटपड़गंज सीट से विजयी रहे थे. इस बार उन्होंने जंगपुरा से चुनाव लड़ा लेकिन वे भी भाजपा उम्मीदवार तरविंदर सिंह मारवाह से हार गए. पटपड़गंज में अवध ओझा को भाजपा उम्मीदवार रविंदर सिंह नेगी ने 28 हजार से ज्यादा वोटों से हराया था. उनकी इस हार के बाद यह माना जा रहा था कि वे राजनीति में सक्रिय रहेंगे, लेकिन उन्होंने राजनीति से हटने का फैसला कर लिया.

Advertisement

ओझा ने पटपड़गंज के लोगों का भी धन्यवाद किया

AAP नेता सोमनाथ भारती ने ओझा की पोस्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि राजनीति लंबे समय की प्रक्रिया है और इतना बड़ा निर्णय लेने से पहले उन्हें विकल्पों पर विस्तार से विचार करना चाहिए था. भारती ने लिखा कि ओझा को टिकट यह सोचकर दिया गया था कि वे चुनाव परिणामों के बाद भी पार्टी के साथ सक्रिय रूप से कार्य करेंगे. अवध ओझा का राजनीति से हटने का निर्णय अब पार्टी और उनके समर्थकों के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है.

---- समाप्त ----
Live TV

Advertisement
Advertisement