कड़ी सुरक्षा के बीच मुंबई में भगवान गणेश की हजारों प्रतिमाएं सोमवार को समुद्र और जलाशयों में विसर्जित कर दी गईं. इसी के साथ पिछले 11 दिनों से पूजा अर्चना के बाद महाराष्ट्र के सर्वाधिक लोकप्रिय त्योहार गणेश उत्सव का समापन हो गया. बताया जाता है कि इस दौरान छोटी-बड़ी करीब 12 हजार प्रतिमाएं विसर्जित की गईं.
पुलिस प्रवक्ता और डीसीपी धनंजय कुलकर्णी ने कहा कि कमोबेश जुलूस और प्रतिमाओं का विसर्जन शांतिपूर्ण रहा. अब तक किसी भी अप्रिय घटना का समाचार नहीं मिला है. इससे पूर्व आतंकवादी संगठन अलकायदा के दक्षिण एशिया में अपनी नई शाखा गठित करने की घोषणा के मद्देनजर पुलिस ने वित्तीय राजधानी की सुरक्षा के लिए व्यापक व्यवस्था की थी. पुलिस आयुक्त राकेश मारिया ने व्यक्तिगत रूप से महानगर के विभिन्न संवेदनशील स्थानों पर जाकर सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा की. रक्षा हेलिकॉप्टरों ने आकाश से नजर रखा.
रंग, गुलाल और गीत-संगीत
सोमवार को विसर्जन जुलूस के दौरान भगवान गणेश की प्रतिमाओं का दर्शन करने के लिए बड़ी संख्या में सड़क के दोनों किनारे और इमारतों पर श्रद्धालुओं की भीड़ दिखाई पड़ी. लोग एक-दूसरे को गुलाल लगाते हुए पारंपरिक नृत्य और संगीत के बीच प्रतिमा के विसर्जन के लिए जा रहे थे. जुलूस के मार्ग पर बड़ी-बड़ी प्रतिमाओं को खुले ट्रकों और बड़े वाहनों की आवाजाही और भगवान गणेश का आशीर्वाद लेने के लिए लोगों की भारी भीड़ से शहर ठहर सा गया. लोगों की भारी भीड़ के बीच से प्रतिमाओं के गुजरने के दौरान श्रद्धालुओं ने 'गणपति बप्पा मोरिया' का उच्चारण किया.
जेलीफिश के डंक ने किया घायल
नगर अधिकारियों ने बताया कि 27 कृत्रिम जलाशयों और गिरगांव, शिवाजी पार्क, जुहू, और मलाड मार्वे मार्ग पर समुद्र तट के सामने 72 स्थानों पर 12 हजार से अधिक छोटी-बड़ी प्रतिमाएं विसर्जित की गईं. पुलिस ने बताया कि जुहू तट पर जेलीफिश के डंक मारने से तीन लोग जख्मी हो गए. उन्हें नजदीकी कूपर अस्पताल में ले जाया गया. शहर में सर्वाधिक लोकप्रिय गणेश प्रतिमा लाल बाग के राजा ने लाखों श्रद्धालुओं को आकर्षित किया. गणेश की विशाल प्रतिमा के साथ श्रद्धालुओं ने मीलों का सफर तय किया और इस बीच बारिश की फुहार भी त्योहार के मूड को कम नहीं कर सकी.