परमाणु ऊर्जा क्षेत्र में ब्रिटिश वैज्ञानिकों ने एक 20 वर्षीय एक मास्टर प्लान तैयार किया है और उनका कहना है जब परमाणु, गैस और कोयला चालित पुराने संयंत्र काम करना बंद कर देंगे तो यह ऊर्जा के संबंध में उत्पन्न हुई खाई को भरने का काम करेगा.
वैज्ञानिकों का यह अनुसंधान पत्र साइंस जर्नल में प्रकाशित हुआ है. कैंब्रिज विश्वविद्यालय और इंपीरियल कालेज लंदन के वैज्ञानिकों ने अपने सुझाव में दो चरणीय योजना पेश की है. इसमें ऊर्जा क्षेत्र की समीक्षा की गयी है, जिसके अनुसार देशों के लिए मौजूदा परमाणु ढांचे के स्थानांतरण या परमाणु ऊर्जा घरों के जीवन का विस्तार करना संभव होगा. इसके बाद 2030 तक इस उद्योग में दूसरे चरण का वैश्विक विस्तार होगा.
वैज्ञानिकों के इस दल ने कहा कि उनकी योजना के अनुसार ऊर्जा क्षेत्र में बनने वाली खाई को भरने में इससे मदद मिलेगी क्योंकि पुराने परमाणु, गैस और कोयला चालित विद्युत संयंत्रों को बंद कर दिया जाएगा. वैज्ञानिकों की इस योजना से ऊर्जा के लिए जीवाश्म ईंधनों पर निर्भरता भी कम होगी.