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मोटेरा में पांच साल से नहीं मिली है टीम इंडिया को जीत

जयपुर और ग्वालियर में पहले दो एकदिवसीय मैचों में जीत के साथ श्रृंखला में पहले ही 2-0 की अजेय बढ़त बना चुका भारत अब आज अहमदाबाद के मोटेरा के सरादार पटेल स्टेडियम में अपनी शिकस्त का सिलसिला तोड़कर दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ तीन टेस्ट की श्रृंखला में को 3-0 से जीतने के इरादे से उतरेगा.

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जयपुर और ग्वालियर में पहले दो एकदिवसीय मैचों में जीत के साथ श्रृंखला में पहले ही 2-0 की अजेय बढ़त बना चुका भारत अब आज अहमदाबाद के मोटेरा के सरदार पटेल स्टेडियम में अपनी शिकस्त का सिलसिला तोड़कर दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ तीन टेस्ट की श्रृंखला में को 3-0 से जीतने के इरादे से उतरेगा.

भारत को यहां अपने पिछले तीन मुकाबलों में वेस्टइंडीज (26 अक्तूबर 2006) के खिलाफ तीन विकेट, श्रीलंका (छह नवंबर 2005) के खिलाफ पांच विकेट और पाकिस्तान (12 अप्रैल 2005) के खिलाफ तीन विकेट से शिकस्त का सामना करना पड़ा है और अब टीम का इरादा हार के इस सिलसिले को तोड़कर इस मैदान पर लगभग पांच साल बाद जीत दर्ज करने का है.

भारत की राह हालांकि आसान नहीं होगी क्योंकि इस श्रृंखला में पहले ही गौतम गंभीर, युवराज सिंह, हरभजन सिंह और जहीर खान जैसे अहम खिलाड़ियों के बिना खेल रही टीम इंडिया ने अंतिम मैच के लिए ग्वालियर में वनडे मैच में इतिहास का पहला दोहरा शतक जड़ने वाले मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर और उनके आक्रामक सलामी जोड़ीदार वीरेंद्र सहवाग को भी आराम दे दिया है.

इस मैदान पर भारत का रिकार्ड भी काफी खराब है और उसे यहां खेले 11 मैचों में से केवल पांच में जीत मिली जबकि छह में उसे शिकस्त का सामना करना पड़ा है जबकि दक्षिण अफ्रीका ने यहां खेले अपने एकमात्र मैच में 24 अक्तूबर 2006 को श्रीलंका पर 78 रन की आसान जीत दर्ज की थी.

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टीम इंडिया की नजरें अब युवा खिलाड़ियों पर टिकी होंगी जिनकी अगुवाई कप्तान महेंद्र सिंह धोनी करेंगे. धोनी के अलावा विराट कोहली, सुरेश रैना, रविंद्र जडेजा, रोहित शर्मा, यूसुप पठान से बल्लेबाजी में टीम को काफी उम्मीदें होगी जबकि गेंदबाजी का दारोमदार प्रवीण कुमार की अनुपस्थिति में आशीष नेहरा और श्रीसंत की अनुभवी जोड़ी के अलावा युवा सुदीप त्यागी पर होगा. टीम इंडिया के मौजूदा खिलाड़ियों में केवल धोनी, रैना, नेहरा और श्रीसंत को ही इस मैदान पर एकदिवसीय मैच खेलने का अनुभव है लेकिन ये सभी इस मैदान पर विफल रहे हैं.

{mospagebreak}धोनी यहां एक अर्धशतक के बावजूद तीन मैचों में केवल 32.66 की औसत से 98 रन बना पाये हैं जबकि रैना वेस्टइंडीज और श्रीलंका के खिलाफ अपने दो मैचों में यहां क्रमश: 19 और 13 रन की पारी ही खेल पाये थे.

भारत को हालांकि इस बात की खुशी होगी कि इस मैदान पर पांच विकेट पर 325 रन के सर्वोच्च स्कोर का रिकार्ड उसी के नाम है जो उसने वेस्टइंडीज के 325 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए बनाया था.

दूसरी तरफ गेंदबाजी की बात करें तो आशीष नेहरा वेस्टइंडीज के खिलाफ अपने पांच ओवरों में 53 रन लुटाने के बावजूद कोई विकेट नहीं हासिल कर पाये थे जबकि श्रीसंत भी यहां अपने एकमात्र मैच में श्रीलंका के खिलाफ 10 ओवर में 57 रन खर्च करने के बावजूद विकेट से महरूम रहे थे.

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इसके विपरीत दक्षिण अफ्रीका के बल्लेबाजों में एबी डिविलियर्स (54) और जाक कैलिस (43) ने यहां टीम की जीत में अहम भूमिका निभाई थी जबकि उस मैच में विपल रहे हर्शल गिब्स (16) और मार्क बाउचर (29) इस बार अच्छा प्रदर्शन करने को बेताब होंगे.

दक्षिण अफ्रीका के किसी भी गेंदबाज को इस मैदान पर खेलने का अनुभव नहीं है जो ग्वालियर में 401 रन खर्च करने के बाद एक बार पिर उसके लिए चिंता का सबब हो सकता है.

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