अब सिख समुदाय के लोग हिंदू विवाह अधिनियम की बजाय आनंद विवाह अधिनियम के तहत अपनी शादी का पंजीकरण करा सकेंगे. संसद के बजट सत्र के दौरान पारित इस विधेयक को राष्ट्रपति ने अपनी मंजूरी दे दी.
हालांकि, आनंद विवाह कानून को 1909 में बनाया गया था लेकिन शादी के पंजीकरण का उसमें प्रावधान नहीं था. सिखों को अपनी शादी का पंजीकरण हिंदू विवाह अधिनियम के तहत कराना पड़ता था.
विधि मंत्रालय के एक अधिकारी ने नई दिल्ली में बताया कि आनंद विवाह अधिनियम (संशोधन) विधेयक, 2012 को राष्ट्रपति द्वारा 7 जून 2012 को मंजूरी मिलने के बाद भारत के गजट में प्रकाशित कर दिया गया है.