जयपुर
राजस्थान उच्च न्यायालय ने गुर्जरों को पांच प्रतिशत आरक्षण देने वाले कानून के पालन पर रोक लगाये जाने के साथ ही यह भी आदेश दिया है कि 49 प्रतिशत के आरक्षण की मौजूदा व्यवस्था को तब तक बरकरार रखा जाये, जब तक कि मामले पर नये सिरे से फैसला नहीं हो जाता.
मुख्य न्यायाधीश अरूण मिश्रा और न्यायमूर्ति महेश भगवती की खंडपीठ ने सरकार से कहा था कि वह एक साल के भीतर आंकड़े एकत्र करने की प्रक्रिया को पूरा कर ले ताकि विशेष पिछड़ा वर्ग में गुर्जरों के आरक्षण को जायज ठहराया जा सके.
वर्ष 2008 का कानून लागू होने से पहले अनुसूचित जनजाति के लिए 12 प्रतिशत, अनुसूचित जाति के लिए 16 प्रतिशत और गुर्जर सहित अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए 21 प्रतिशत आरक्षण निर्धारित था. कानून के जरिये कुल आरक्षण को बढ़ाकर 68 प्रतिशत कर दिया गया.