राजस्थान में बढ़ते कोरोना संकट के मद्देनजर जयपुर के पुलिस आयुक्त कार्यालय ने आदेश दिया है कि आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं की जाएगी. आदेश के मुताबिक अगले आदेश तक कोई भी जांच अधिकारी किसी आरोपी को गिरफ्तार नहीं करेगा. अगर गिरफ्तारी बेहद जरूरी है तो सीनियर अधिकारियों की सहमति के बाद ही गिरफ्तारी हो पाएगी.
राजस्थान में कोरोना संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं, जिसकी चपेट में पुलिसकर्मी भी आ रहे हैं. राजस्थान में एक अवैध शराब बेचने वाले कोरोना पॉजिटिव आरोपी की गिरफ्तारी के बाद से जयपुर जेल में 188 लोग कोरोना पॉजिटिव हो चुके हैं.
इसके अलावा राज्य के तीन थानों में कोरोना पॉजिटिव की गिरफ्तारी के बाद थाने को ही क्वारनटीन कर दिया गया था. जयपुर पुलिस आयुक्त ने सभी थानाधिकारियों को यह आदेश जारी किया है.
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क्या है आदेश?
आदेश में लिखा है, 'सभी थानाधिकारियों को निर्देशित किया जाता है कि अग्रिम आदेश तक किसी भी मुकदमे में चाहे वह आईपीसी का मुकदमा हो या लोकल एक्ट की कार्रवाई, किसी भी अभियुक्त को गिरफ्तार करने से पहले संबंधित डीसीपी की मंजूरी जरूरी होगी.'
आदेश में यह भी कहा गया कि किसी भी मामले में किसी भी अभियुक्त को थानाधिकारी द्वारा गिरफ्तार नहीं किया जाएगा. हर मामले में गिरफ्तारी से पहले पूर्व संबंधित डीसीपी से मौखिक सहमति अनिवार्य होगी.
विभाग की ओर से जारी आदेश
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राजस्थान में कोरोना से अब तक 153 की मौत
राजस्थान में कोरोना वायरस संक्रमण के मामले तेजी से बढ़े हैं. कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़कर 6,494 हो गई है, वहीं 3,680 लोग कोरोना से ठीक हो चुके हैं. 153 लोगों की मौत कोरोना संक्रमण की वजह से हो गई है.