लद्दाख में हुए एक दर्दनाक हादसे में शहीद हुए दो जवानों को गुरुवार को अंतिम विदाई दी गई. लेफ्टिनेंट कर्नल भानु प्रताप सिंह मंकोटिया और लांस डफादार दलजीत सिंह का अंतिम संस्कार पूरे सैन्य सम्मान के साथ उनके पैतृक स्थानों पंजाब के पठानकोट और गुरदासपुर के शमशेरपुर गांव में किया गया.
बुधवार को लद्दाख के चारबाग, दुर्बुक के पास गालवान क्षेत्र में एक बड़ा हादसा हुआ. सेना के काफिले की एक गाड़ी पर भारी चट्टान गिर गई. इस हादसे में दो जवानों की मौत हो गई और तीन अधिकारी घायल हुए.
सेना के काफिले की गाड़ी पर भारी चट्टान गिरी
मृतकों में लेफ्टिनेंट कर्नल मंकोटिया और लांस डफादार दलजीत सिंह शामिल थे. घायल हुए अधिकारियों में मेजर मयंक शुभम (14 सिंध हॉर्स), मेजर अमित दीक्षित और कैप्टन गौरव (60 आर्म्ड) शामिल हैं. यह सभी अधिकारी दुर्बुक से चोंगताश की ओर ट्रेनिंग मूव पर जा रहे थे.
गुरुवार सुबह शहीदों के शव उनके घर लाए गए. जैसे ही शव गांव पहुंचे, माहौल गमगीन हो गया. भारी संख्या में लोग अपने वीर सपूतों को अंतिम विदाई देने के लिए उमड़े.
दर्दनाक हादसे में शहीद हुए दो जवानों
दलजीत सिंह के पिता ने बताया कि बेटे ने मंगलवार को मां से बात की थी और घर बनवाने के लिए मिस्त्री खोजने को कहा था. उन्होंने कहा कि बेटे ने वादा किया था कि फिर कॉल करेगा. लेकिन अब वह लौटकर नहीं आएगा. मुख्यमंत्री भगवंत मान ने शोक व्यक्त किया. पठानकोट में मंत्री लाल चंद कटारुचक और सेना के अधिकारी अंतिम संस्कार में शामिल हुए.