पंजाब इस वक्त भीषण आपदा से मची तबाही से जूझ रहा है. राज्य के कई हिस्सों में आई बाढ़ ने गांवों को डुबो दिया, खेत बर्बाद कर दिए, लोग बेघर हो गए. इस बीच पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने आजतक को दिए खास इंटरव्यू में राज्य के हालात पर विस्तार से बात की और बाढ़ से हुए नुकसान से निपटने का रोडमैप साझा किया.
भगवंत मान ने अपने परिचय में कहा कि वे संगरूर जिले के एक छोटे से गांव में पैदा हुए. बचपन मिट्टी और भैंसों के बीच खेलते बीता और फिर कॉलेज में कॉमेडी से शुरुआत कर लोगों का प्यार मिला. बाद में राजनीति में आए, सांसद बने और फिर 2022 में 92 सीटें जीतकर मुख्यमंत्री बने. मान ने कहा, "मुख्यमंत्री मत कहो, मैं पंजाब का दुख्य मंत्री हूं. पंजाब का हर दुख मेरे पास आता है और उसे दूर करने की जिम्मेदारी मेरी है."
'इतना पानी कभी नहीं आया'
सीएम मान ने बताया कि इस बार पंजाब ने इतिहास की सबसे भीषण बाढ़ देखी है. उन्होंने कहा, “इतना पानी कभी नहीं आया. 1988 में करीब 11 लाख क्यूसेक पानी आया था, लेकिन इस बार 16 लाख क्यूसेक के आसपास आ चुका है. गनीमत रही कि इस बार घग्गर नदी ने नुकसान नहीं किया, वरना हालात और खराब हो जाते. सबसे ज्यादा तबाही ब्यास और रावी नदी के किनारों पर हुई है."
उन्होंने आगे कहा कि कई जगह बादल फटने की वजह से अचानक पानी आया और लोगों को संभलने का मौका तक नहीं मिला.
'लोग अपने घर छोड़ने को तैयार नहीं थे'
उन्होंने बताया कि राहत और बचाव कार्य के दौरान बड़ी मुश्किल यह रही कि लोग अपने घर छोड़ने को तैयार नहीं थे. रेस्क्यू टीम हेलिकॉप्टर से निकालने जाती थी तो लोग कहते थे हमें दूध दे दो, हम खाना खा लेंगे लेकिन घर नहीं छोड़ेंगे. वो कहते थे पहले पाकिस्तान से उजड़े, अब बार-बार क्यों उजड़ें? कब तक बसेंगे? यह उनके दर्द की गवाही है.
'5 लाख एकड़ फसल बर्बाद, 20 लाख लोग प्रभावित'
भगवंत मान ने कहा कि 2300 से ज्यादा गांव पानी में डूब गए. करीब 5 लाख एकड़ फसल पूरी तरह बर्बाद हुई. 7 लाख लोग बेघर हुए और 20 लाख से ज्यादा प्रभावित हैं. 3200 स्कूल और 19 कॉलेज खंडहर हो गए. 8500 किलोमीटर सड़कें और 2500 पुल तबाह हो गए. 56 लोगों की जान गई. उन्होंने कहा कि नुकसान का कुल अनुमान 13,800 करोड़ से भी ज्यादा हो सकता है.
'डीसिल्टिंग और मुआवजा योजना'
मुख्यमंत्री ने विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया है. उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट ने अब नदियों की डीसिल्टिंग की अनुमति दे दी है, जिससे बाढ़ के खतरे को रोका जा सकेगा. किसानों को राहत देने के लिए मुआवजा राशि 6800 रुपये प्रति एकड़ से बढ़ाकर 20,000 रुपये की गई है. जिनके खेतों में रेत भर गई है, वे उसे ट्रैक्टर से हटा सकते हैं या बेच सकते हैं. जिनके पास साधन नहीं हैं, उनके लिए सरकार जेसीबी मशीनें गांव-गांव भेज रही है.
'प्रधानमंत्री से भी की बात'
उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से 1 सितंबर को मुलाकात हुई थी. उस वक्त नुकसान का पूरा अंदाज़ा नहीं था, लेकिन उन्होंने हालात बताए. पीएम ने भरोसा दिलाया कि वे खुद पंजाब आएंगे.
सीएम भगवंत मान ने कहा कि आजादी की लड़ाई में 90% शहादतें पंजाबियों ने दीं. कारगिल से लेकर जैसलमेर तक हमारी पहली कतार में पंजाब के जवान खड़े होते हैं. हरी क्रांति से देश को आत्मनिर्भर बनाया. आज भी पंजाब देश का सबसे बड़ा सहारा है.
पंजाब को फिर से खड़ा करने पर जोर
इंटरव्यू में मान ने कहा कि संकट से उबरने के बाद पंजाब को फिर से खड़ा करना है. स्कूलों को दोबारा बनाना होगा, बच्चों को किताबें और लोगों को घर देने होंगे. उन्होंने अपील की कि लोग ranglapunjab.in वेबसाइट के जरिए सहयोग करें. 10 रुपये भी देंगे तो वो हमारे लिए 10 करोड़ के बराबर होगा. पंजाब चरदी कला में विश्वास रखता है. मुश्किल घड़ी है, पर हम और मजबूत होकर खड़े होंगे.