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अमृतपाल पर पुलिस एक्शन के बाद चप्पे-चप्पे पर अलर्ट, पूरे पंजाब में इंटरनेट बंद

खालिस्तानी समर्थक अमृतपाल सिंह समेत उसके कई साथियों को पुलिस ने हिरासत में लिया है. पुलिस के इस एक्शन के बाद चप्पे-चप्पे पर अलर्ट है. राज्य में किसी प्रकार की अनहोनी या उपद्रव न हो और अफवाह न फैले, इसके लिए कई जिलों में रविवार रात 12 बजे तक इंटरनेट सेवा को बंद करने का फैसला लिया गया है.

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खालिस्तानी समर्थक अमृतपाल पर एक्शन के बाद कई जिलों में इंटरनेट सेवा बंद.
खालिस्तानी समर्थक अमृतपाल पर एक्शन के बाद कई जिलों में इंटरनेट सेवा बंद.

खालिस्तानी समर्थक अमृतपाल सिंह समेत उसके कई साथियों को पुलिस ने हिरासत में लिया है. पुलिस के इस एक्शन के बाद चप्पे-चप्पे पर अलर्ट है. राज्य में किसी प्रकार की अनहोनी या उपद्रव न हो और अफवाह न फैले, इसके लिए रविवार रात 12 बजे तक इंटरनेट सेवा को बंद करने का फैसला लिया गया है.

इसको लेकर राज्य सरकार की ओर से कहा गया है, "सार्वजनिक सुरक्षा के हित में मोबाइल इंटरनेट सेवाएं, सभी SMS सेवाएं (बैंकिंग और मोबाइल रिचार्ज को छोड़कर) और वॉयस कॉल को छोड़कर मोबाइल नेटवर्क पर प्रदान की जाने वाली डोंगल सेवाएं 18 मार्च (12:00 घंटे) से 19 मार्च (12:00 घंटे) तक निलंबित रहेंगी.

बताया जा रहा है कि पुलिस धर्मकोट के नजदीक महितपुर थाने के पास अमृतपाल सिंह समेत 6 लोगों को पकड़ा है. जिन लोगों को पकड़ा गया है, उनके पास से हथियार और 2 गाड़ियां बरामद हुई हैं. अमृतपाल सिंह के खिलाफ 3 मामले दर्ज हैं, जिसमें 2 हेट स्पीच के हैं.

दीप सिद्धू की मौत के बाद 'वारिस पंजाब दे' की संभाली कमान

खालिस्तानी ताकतों को एकजुट करने वाला 30 साल का अमृतपाल सिंह पंजाब में 'वारिस पंजाब दे' संगठन संचालित करता है. ये संगठन एक्टर-एक्टिविस्ट दीप सिद्धू ने बनाया था. 15 फरवरी 2022 को दीप सिद्धू की सड़क हादसे में मौत हो गई थी. इसके बाद इसकी कमान दुबई से लौटे अमृतपाल सिंह ने संभाली.

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उसने किसान आंदोलन में भी रुचि दिखाई थी. दीप सिद्धू की मौत के बाद 'वारिस पंजाब दे' वेबसाइट बनाई और लोगों को जोड़ना शुरू कर दिया. अमृतपाल 2012 में दुबई चला गया था. वहां उसने ट्रांसपोर्ट का कारोबार किया. उसके ज्यादातर रिश्तेदार दुबई में रहते हैं. अमृतपाल ने शुरुआती शिक्षा गांव के ही स्कूल में पूरी की. उसने 12वीं तक पढ़ाई की है.

हथियारों से लैस होकर थाने पर किया था हमला

पिछले महीने ही अमृतपाल औऱ उनके साथियों ने पंजाब के अजनाला में हथियारों से लैस होकर थाने पर हमला कर दिया था. उसके समर्थकों ने अपहरण और दंगों के आरोपियों में से एक तूफान की रिहाई को लेकर पुलिस स्टेशन पर धावा बोला था. इस दौरान छह पुलिसकर्मी घायल हुए थे. उसके ही एक पूर्व सहयोगी ने अमृतपाल के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी. इसमें आरोप लगाया था कि इन सभी ने कथित तौर पर बरिंदर सिंह नाम के व्यक्ति को अजनाला से अगवा कर लिया और फिर मारपीट की.

 

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