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पंजाब की AAP सरकार का बड़ा एक्शन, सुखबीर सिंह बादल की 30 फीसदी बसों के परमिट रद्द

परिवहन मंत्री ने बताया कि पंजाब के परिवहन विभाग ने शुक्रवार को अवैध परमिटों पर कार्रवाई करते हुए 600 बस परमिट रद्द कर दिए हैं. आरोप है कि ये परमिट अवैध रूप से जारी किए गए थे, यह सब 2007 से 2017 तक अकाली दल की सरकार और उसके बाद कांग्रेस सरकार के दौरान हुआ. ये परमिट निराधार थे.

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परिवहन मंत्री लालजीत भुल्लर ने सुखबीर सिंह बादल की बसों पर भी कार्रवाई की
परिवहन मंत्री लालजीत भुल्लर ने सुखबीर सिंह बादल की बसों पर भी कार्रवाई की

पंजाब सरकार ने नियमों का उलंलघन करने के चलते 600 बसों के परमिट रद्द कर दिए हैं. दरअसल, परिवहन मंत्री लालजीत भुल्लर ने अवैध परमिट क्लबिंग पर कड़ी कार्रवाई करते हुए अवैध रूप से चल रही बसों के परमिट को रद्द करने के निर्देश दिए हैं. इस दौरान पंजाब के पूर्व डिप्टी सीएम सुखबीर सिंह बादल की 30 फीसदी बसों के भी परमिट रद्द किए गए हैं. आरोप हैं कि ये परमिट नियमों के विरुद्ध जाकर जारी किए गए थे.

परिवहन मंत्री ने गुरुवार को पंजाब मोटर वाहन नियम, 1989 के नियम 80-ए के तहत समेकित सभी समग्र परमिटों की व्यापक जांच का आदेश दिया है. स्टेज कैरिज परमिटों की अवैध क्लबिंग और परिवहन क्षेत्र में परिचालन संबंधी अनियमितताओं के मुद्दे को हल करने के लिए यह निर्णायक कार्रवाई की गई है, जिसके परिणामस्वरूप 600 ऐसे परमिट रद्द कर दिए गए हैं.

मंत्री ने आदेश दिया कि नियम 80-ए के प्रावधानों का उल्लंघन करने वाले परमिटों को उचित कानूनी प्रक्रियाओं के माध्यम से डी-क्लबिंग किया जाएगा और उनकी मूल स्थिति बहाल की जाएगी. विशेष रूप से, यह निर्देश पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में एक के बाद एक कानूनी चुनौतियों के जवाब में आया है, जहां विभिन्न ऑपरेटरों ने रूट टाइमटेबल में अवैध रूप से क्लब किए गए या कंपोजिट स्टेज कैरिज परमिट की वैधता को चुनौती दी है.

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लालजीत सिंह भुल्लर ने बताया कि इस पहल का मुख्य उद्देश्य इस क्षेत्र में बड़े बस ऑपरेटरों की एकाधिकार प्रथाओं पर अंकुश लगाना है. हमारा लक्ष्य उन अनुचित लाभों को खत्म करना है जो कुछ बड़े खिलाड़ियों ने अवैध परमिट क्लबिंग के माध्यम से हासिल किए हैं. यह कदम छोटे और मध्यम आकार के ऑपरेटरों के लिए अधिक न्यायसंगत वातावरण बनाएगा, स्वस्थ प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देगा और जनता के लिए बेहतर सेवाएं प्रदान करेगा.

जांच में ऐसे कई मामले सामने आए हैं, जहां परमिटों को न केवल अवैध रूप से जोड़ा गया, बल्कि उचित अधिकार क्षेत्र के बिना भी जोड़ा गया. उन्होंने कहा, "परिवहन विभाग ने कई अनियमितताएं पाई हैं, जिनमें विभिन्न मार्गों के परमिटों को जोड़ना, एक इकाई के रूप में कई संयुक्त परमिट जारी करना और अनिवार्य रूप से सरेंडर करने के बजाय अतिरिक्त वापसी यात्राओं को अनधिकृत रूप से रोकना शामिल है." 

इन निष्कर्षों के मद्देनजर, कैबिनेट मंत्री ने सभी क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकरण (आरटीए) सचिवों को अपने अधिकार क्षेत्र में सीपी परमिटों की गहन जांच करने का निर्देश दिया है, ताकि नियम 80-ए और उसके बाद के स्पष्टीकरणों का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित किया जा सके, जिससे केवल योग्य परमिटों को ही संयुक्त समय सारिणी में शामिल किया जा सके.

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उन्होंने कहा, "यह पहल सभी बस ऑपरेटरों के लिए समान अवसर बनाने और पंजाब के परिवहन नियमों की अखंडता को बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण है." 

परिवहन मंत्री ने बताया कि पंजाब के परिवहन विभाग ने शुक्रवार को अवैध परमिटों पर कार्रवाई करते हुए 600 बस परमिट रद्द कर दिए हैं. आरोप है कि ये परमिट अवैध रूप से जारी किए गए थे, यह सब 2007 से 2017 तक अकाली दल की सरकार और उसके बाद कांग्रेस सरकार के दौरान हुआ. ये परमिट निराधार थे. इसमें कई बड़े ट्रांसपोर्टर शामिल थे, जिन्हें परमिट जारी किए गए थे. उन्होंने कुछ ट्रांसपोर्टरों के नाम भी लिए. पूर्व डिप्टी सीएम सुखबीर सिंह बादल के करीब 30 फीसदी परमिट रद्द किए गए हैं, जो अवैध थे. 

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