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लालू यादव पर अमित शाह की टिप्पणी पर बोले RJD सांसद मनोज झा- बीमार व्यक्ति से इतना खौफ...

बुधवार को संसद में गृह मंत्री अमित शाह ने गोधरा कांड को लेकर, लालू प्रसाद यादव पर टिप्पणी की थी. राजद सांसद मनोज झा ने अमित शाह की टिप्पणी पर कहा कि सदन की गरिमा अगर बचानी है, तो इस तरह की बातें गृह मंत्री जैसे पद पर बैठे व्यक्ति को बोलने से बचना चाहिए.

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मनोज झा (फाइल फोटो)
मनोज झा (फाइल फोटो)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • 'चेयरमैन से इस बारे में चिट्ठी लिखूंगा, सबूतों के साथ लिखूंगा'
  • 'जो व्यक्ति बीमार है, जिनका इलाज चल रहा है उनसे इतना ख़ौफ़!'

संसद में  'क्रिमिनल प्रोसीजर बिल' पर चर्चा के दौरान गृहमंत्री अमित शाह ने गोधरा दंगों की जांच के लिए बनाई गई एक समिति को लेकर लालू प्रसाद यादव पर निशाना साधा तो उस पर आरजेडी की ओर से भी पलटवार किया गया. दरअसल अमित शाह ने बीते बुधवार को  कहा था कि तत्कालीन रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव ने गोधरा कांड में जांच कमेटी बनाकर इसे दुर्घटना बताने की कोशिश की थी.    

गृहमंत्री के इस बयान पर आरजेडी सांसद मनोज झा ने कहा कि इससे ज्यादा दुर्भाग्यपूर्ण कुछ नहीं हो सकता है. उन्होंने अमित शाह पर निशाना साधते हुए कहा कि अक्सर भूल जाते हैं कि वो देश के गृहमंत्री हैं. आरजेडी सांसद ने तंज कसते हुए कहा कि वह बीजेपी के गृह की साज सज्जा और बनावट के लिए हैं. 

सांसद मनोज झा ने कहा कि जो व्यक्ति बीमार है, जिनका इलाज चल रहा है उनसे इतना ख़ौफ़... उनकी राजनीतिक धारा से इतना ख़ौफ़ कि आधारहीन तरीके से आप चीजों को संदर्भ दे रहे हैं.  झा ने कहा, 'बनर्जी समिति का गठन उस समय की सरकार का फ़ैसला था. सरकारें बदलती रहती हैं. लेकिन सरकार निरंतरता की चीज है कल आपकी सरकार के फैसलों पर इस तरह की अशोभनीय टिप्पणियां होंगी तो कैसा लगेगा.' आपको बता दें कि यूपीए सरकार में रेल मंत्री रहे लालू यादव के कार्यकाल में ही गोधरा कांड की जांच के लिए बनर्जी जांच समिति का गठन किया था.

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आरजेडी सांदद ने कहा कि जो परिपक्वता सदन में होनी चाहिए उसका मुझे बहुत अभाव दिखा. यह खेद का विषय है. उन्होंने कहा, 'मैं चेयरमैन से इस बारे में चिट्ठी लिखूंगा, सबूतों के साथ लिखूंगा. मैं समझता हूं कि सदन की गरिमा अगर बचानी है, तो इस तरह की बातें गृहमंत्री जैसे पद पर बैठे व्यक्ति को बोलने से बचना चाहिए'

 

वहीं महंगाई के मामले पर सांसद मनोज झा ने कहा, 'जब सरकार या किसी पार्टी को यह लग जाए कि उसको चुनाव में वोट लेने का तरीका पता चल गया है. महंगाई हो, बेरोज़गारी हो, लोग त्राहिमाम करते रहें, लेकिन आपके EVM में वोट आ रहे हैं. तो वोट क्यों आ रहे हैं? आपका ईंधन क्या है... नफ़रत, घृणा, वैमनस्य. जब तक इसका डिविडेंट आपको मिल रहा है, आपकी चिंता में ये शुमार ही नहीं है कि लोगों को कितनी परेशान झेलनी पड़ रही है.'

मनोज झा ने चीनी हैकर्स के मामले पर कहा, 'मैं सीधे तौर पर कहता हूं कि आज भी हो सकता है सरकार का कोई प्रवक्ता आकर यह कह दे कि ना कोई घुसा है, ना कोई हैकिंग हुई है. चीन के मसले पर जिस तरह की नीति और नीयत से हमको आगे बढ़ना था, उसका मैं अभाव देखता हूं. एक दूसरे मुल्क के लिए आपकी लाल आंखें तैयार रहती हैं, पर चीन के विषय पर जब भी बात होती है, तो वह लाल आंखें कहां गुम हो जाती हैं?'

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