पूरे देश में महंगाई, डीजल के दामों में बेतहाशा वृद्धि, रसोई गैसों की राशनिंग और रिटेल में एफडीआई के विरोध में देशव्यापी बंद का व्यापक असर देखा गया. जगह जगह लोगों ने विरोध प्रदर्शन आयोजित किया.
लोगों ने वालमार्ट वापस लो और मनमोहन सरकार मुर्दाबाद के नारे लगाए.
पटरियों पर प्रदर्शन कर ट्रेन सेवाएं बाधित की गईं.
बिहार में जनसाधारण एक्सप्रेस को डुमरांव स्टेशन, तो श्रमजीवी एक्सप्रेस को दानापुर में रोक दिया गया. बक्सर में विक्रमशिला एक्सप्रेस को रोका गया तो इस्लामपुर में मगध एक्सप्रेस रोकी गई. जहानाबाद में पलामू एक्सप्रेस, सहरसा में राजधानी एक्सप्रेस को बंद समर्थकों द्वारा घंटों रोके रखा गया. खगड़िया में गरीब रथ एक्सप्रेस को रोके रखा गया, तो दरभंगा में इंटरसिटी एक्सप्रेस को आगे नहीं जाने दिया गया. मोकामा स्टेशन पर हावड़ा-दिल्ली जनता एक्सप्रेस को घंटों रोका गया.
उत्तर प्रदेश में सपा कार्यकर्ताओं ने इलाहाबाद, लखनऊ, गोरखपुर, रायबरेली, वाराणसी, बिजनौर, मेरठ, फिरोजाबाद और कानपुर में रेलगाड़ियां रोकी, वहीं भाजपाईयों ने मथुरा में दिल्ली-आगरा राजमार्ग और कानपुर में दिल्ली-हावड़ा राजमार्ग को जाम किया. इलाहाबाद में सपा कार्यकर्ताओं ने रेलपटरियों को अवरूद्ध कर त्रिवेणी एक्सप्रेस, वाराणसी में वाराणसी-लखनऊ पैसेंजर, रायबरेली में गंगा-गोमती एक्सप्रेस, मथुरा में भुवनेश्वर एक्सप्रेस, मेरठ में शालीमार एक्सप्रेस, चंदौली में लोकमान्य तिलक एक्सप्रेस, फिरोजाबाद में हावड़ा-जोधपुर एक्सप्रेस और लखनऊ में जनता एक्सप्रेस को रोका. वहीं कानपुर में व्यापारियों ने स्वर्ण जयंती एक्सप्रेस को रोका.
एनसीपी, तृणमूल कांग्रेस, नेशनल कांफ्रेंस, बसपा, शिवसेना और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना इस बंद में शामिल नहीं हैं.
मुंबई में बंद का व्यापक असर देखा गया. दुकानें व व्यवसायिक प्रतिष्ठान बंद रहे लेकिन लोकल ट्रेनें, बेस्ट बसें, परिवहन के अन्य सार्वजनिक साधन व उड़ानें इससे अप्रभावित रहीं.
डीजल के दामों में बढ़ोत्तरी, सब्सिडी वाले रसोई गैस सिलेंडरों की संख्या सीमित किए जाने व बहु-ब्रांड खुदरा में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) को अनुमति देने के केंद्र सरकार के फैसले के विरोध में बीजेपी ने देशव्यापी बंद का आह्वान किया था. समाजवादी पार्टी (सपा), जनता दल (युनाइटेड), एसएडी, तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा), वामपंथी पार्टियों, ट्रांसपोर्टरों ने इस बंद का समर्थन किया है.
वैसे राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की महाराष्ट्र में मुख्य सहयोगी शिवसेना इस बंद में शामिल नहीं हुई है. महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना ने भी यहां चल रहे 10 दिवसीय गणेशोत्सव के मद्देनजर खुद को बंद से दूर रखा है. बीजेपी की पुणे इकाई भी गणेशोत्सव व जैनियों के पर्यूषण पर्व के चलते बंद में शामिल नहीं हुई है.
अमृतसर में भी बंद का व्यापक असर देखा गया. लोगों ने महंगाई के पुतले फूंके और सरकार विरोधी नारे लगाए.
मुंबई में सड़कें सूनी दिखीं. हालांकि बीजेपी की पुणे इकाई गणेशोत्सव व जैनियों के पर्यूषण पर्व के चलते बंद में शामिल नहीं हुई.
महाराष्ट्र में व्यापारिक समुदाय पर विपक्ष प्रायोजित भारत बंद का व्यापक असर दिखा.
मुंबई में यातायात सेवा बंद से खासे प्रभावित रहे. ट्रेने, बसें और टैक्सी सड़कों से नदारत रहे.
समूचे देश में डीजल की बढ़ी कीमतों को वापस लेने की मांग की गई.
प्रदर्शनकारियों ने शरीर पर सब्जियों और फलों को लटका कर सरकार से बढ़ती कीमतों को वापस लेने की मांग की.
प्रदर्शनारियों ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के पुतले फूंके और बढ़ती महंगाई पर तुरंत रोक लगाने की मांग की.
भारत बंद का असर अहमदाबाद में भी देखने को मिला पब्लिक ट्रांसपोर्ट नहीं चले.
फरीदाबाद में भारतीय राष्ट्रीय लोकदल के कार्यकर्ताओं ने पटरियों को जाम कर दिया.
बंद के दौरान सरकार से फैसले को वापस लेने की मांग की गई.
भारत बंद के दौरान वालमार्ट का विरोध किया गया.
प्रदर्शनकारियों ने सरकार विरोधी नारे और कांग्रेस सरकार मुर्दाबाद के नारे लगाए.
काला धन, एफडीआई और महंगाई के विरोध में लोगों ने सरकार विरोधी नारे लगाए.
महंगाई, एफडीआई के विरोध में गाजियाबाद में सड़कों पर जुटे प्रदर्शनकारी.
मुंबई में बंद का व्यापक असर देखने को मिला. व्यापारिक प्रतिष्ठानें पूरी तरह बंद रहीं.
मुंबई भी बंद से अछूता नहीं रहा, वहां दुकानें बंद रहीं.
पटना में जगह-जगह टायरों को जला कर विरोध प्रदर्शन किया गया.
बीजेपी नेता रविशंकर प्रसाद ने साइकिल चला कर अपना विरोध दर्ज किया.
गाजियाबाद और फरीदाबाद में भी बंद का व्यापक असर देखने को मिला.
अहमदाबाद में भारत बंद का व्यापक असर देखने को मिला. सार्वजनिक यातायात पर इसका असर देखने को मिला.
बिहार में सत्तारुढ़ जनता दल ने भी भारत बंद का समर्थन किया है और इसके कार्यकर्ताओं ने सहयोगी बीजेपी के साथ मिलकर बंद को असरदार बनाने के लिए रेल सेवा बाधित की.
बिहार में भारत बंद का व्यापक असर देखा गया. यहां प्रदर्शनकारियों ने रेलवे परिचालन को बाधित किया.
दरभंगा (बिहार) में सपा, माकपा कार्यकर्ताओं ने रेल सेवा को बाधित किया.
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के कार्यकर्ताओं ने रेलवे सेवा को बाधित किया.
दरभंगा और जहानाबाद में रेल ट्रैक जाम. जहानाबाद में गंगा दामोदर एक्सप्रेस रोकी.
बंद का रेल यातायात पर व्यापक असर देखा गया. बंद समर्थक बीजेपी कार्यकर्ताओं ने कई ट्रेनों को रोका.
भारत बंद के दौरान गले में रोटी लटकाए प्रदर्शन करते प्रदर्शनकारी.
सरकार ने दिल्ली में बंद को नाकाम करने के लिए रैपिड एक्शन फोर्स को तैनात किया.
रैपिड एक्शन फोर्स ने दिल्ली को छावनी में तब्दील कर दिया है.
वाराणसी, इलाहाबाद, कानपुर और मेरठ में गुरुवार सुबह ही बंद समर्थकों ने कई जगहों पर चक्का जाम किया.
भारत बंद का असर देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में भी देखा गया. यहां दुकानें सुबह से ही बंद रहीं.
अहमदाबाद में दुकानें सुबह से ही बंद रहीं. यहां भी भारत बंद का व्यापक असर देखने को मिला.
दुकानों पर सुबह से ही ताले लटके रहे और व्यापारियों ने इस बंद का पूरा समर्थन किया.
बंद के दौरान बीजेपी कार्यकर्ताओं ने कांग्रेस सरकार के खिलाफ नारे लगाये और ‘कांग्रेस सरकार मुर्दाबाद’ के बैनर लेकर प्रदर्शन किए.
SP कार्यकर्ताओं ने रेल ट्रैक जाम किया. वाराणसी में रेल ट्रैक जाम किया.
लखनऊ में दून एक्सप्रेस रोकी गई. इलाहाबाद, कानपुर और मथुरा में रेल ट्रैक जाम. इलाहाबाद में त्रिवेणी एक्सप्रेस रोकी गई.
उत्तर प्रदेश के अखिलेश सरकार ने भी बंद का समर्थन किया है और इसके कार्यकर्ताओं ने इलाहाबाद, वाराणसी समेत राज्य में कई जगहों पर रेल सेवा को बाधित किया.
कई शहरों में बंद समर्थकों का विरोध-प्रदर्शन जारी है. कार्यकर्ता सुबह से ही अलग-अलग स्थानों पर सड़कों पर उतरकर केंद्र सरकार के फैसलों पर अपना विरोध दर्ज करा रहे हैं.
समाजवादी पार्टी ने उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद में रेलवे सेवा को बाधित कर दी है. सपा कार्यकर्ताओं ने रेलवे ट्रैक पर त्रिवेणी एक्सप्रेस को रोक दिया.
उत्तर प्रदेश में लगभग आधा दर्जन ट्रेनें रोकी गई हैं इससे रेल सेवा पर व्यापक असर पड़ा है.
उत्तर प्रदेश सूबे की सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी (सपा) और कई व्यापारी संगठन भी बंद को समर्थन दे रहे हैं.
भारतीय जनता पार्टी के देशव्यापी बंद का असर पूरे भारत में सुबह से ही देखा गया.
प्रदर्शनकारियों ने कई जगहों पर रेलगाड़ियों को रोककर अपना विरोध दर्ज कराया. इस दौरान भाजपाईयों ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और सोनिया गांधी का पुतला भी फूंका.
केंद्र सरकार की गलत आर्थिक नीतियों, डीजल की कीमतों में वृद्धि और रसोई गैस की राशनिंग के खिलाफ भारतीय जनता पार्टी और उनकी सहयोगी ने भारत बंद बुलाया है. बंद में समाजवादी पार्टी, डीएमके और भाकपा (माले) भी शामिल.