चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर एक गरमागरम बहस हुई. चुनाव आयोग के पूर्व संयुक्त निदेशक मोहम्मद अमीन ने चुनाव आयोग के कार्यों का बचाव किया, जिसमें चुनाव आयुक्तों के चयन के नियमों में बदलाव और पिछली सरकारों की भूमिका पर प्रकाश डाला गया.